सावधान सब होय् जाओ तुमि
पोवारी मी भाषा सेव् खतरा मा।
शहर वालो न भुलाय देईन मोला
सिर्फ बोली जासु आता खेड़ामा।।
हिंदी, अंग्रेजी बोलसेत् फर्राटालका
लाज लगसे उनला पोवारी बोलनला।
बोल्या कोनी उनको संग पोवारी मा
देखसेत एकमेक करा टकामका ।।
येत्ती का लाज लगसे तूमला बोलनला
लग्यासेव मोरो अस्तित्व मिटावनला।
मी सेव त् तुमरी से पहचान समाजमा
मी मिट गई त् कसो सांगो नवो पिढीला।।
गल्ड्या गडू, सळ गयेव् ना पेट गयेव्
लुप्त होय जायेत् समय को पेट मा।।
झुंझुरका,माहतनी बेरा,भानी, बटकी
सुंदर शब्द सब् उडाय जायेत गतकालमा।।
आपलो अस्तित्व बचावनो रहे, होंवो तैय्यार
देव मोला नवनवो साहित्य लक जीवन दान।
नवी नवी रचना की रक्तसंजीवनी बूटी लक
देय देवरे आपलो माय पोवारीला जीवनदान।।
- सौ.छाया सुरेंद्र पारधी
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