त्यागमुर्ती नारायनी
मांय बनके जन्मदात्री रूप मा,
आव से सृष्टि रचयिता रूप मा ll
त्याग करें पत्नी को रूप मा,
दिसे प्रेम भाई बहिन रूप मा ll
रूप धरे नारी संसार की छाया मा,
पूजन होये देव लोक माया मा ll
धरती को श्रृंगार, प्रकृति रूप मा,
ममता की छाया, भारतमाता को
रूप मा ll
अर्धांगिनी को रूप मा,
शिव शक्ति रूप मा ll
आदि शक्ति को रूप मा,
लेईस अवतार माता को रूप मा ll
वेद पुराण को गाथा मा,
आदिकाल को कथा मा ll
नारी बनी से नारायणी को रूप मा,
जगमा जेकी गाथा से मातारानी
को रूप मा ll
भाषा जसी से मांय पोवारी मा,
किर्ती से तसी नारी की येन धरती मां ll
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प्रा. डॉ. हरगोविंद चिखलु टेंभरे
मु पो दासगाँव ता. जि. गोंदिया
मो.९६७३१७८४२४
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