प्राकृतिक संसाधनो से समृद्ध बालाघाट जिला कृषीप्रधान जिला है, बालाघाट जिला औद्योगिक विकास मे पिछडा हूआ है उसी के साथ शिक्षा क्षेत्र मे भी पिछडा है, बालाघाट जिले मे विश्व स्तर का कोई विश्वविद्यालय नही है, ऐसे स्थिती मे भी एक ही परिवार से ४ सदस्य जिन्होने बालाघाट जिले का गौरव बढाया है। ग्राम खामघाट तहसिल बैहर से बिसेन परिवार से डॉ. एन. के. बिसेन- मॅनेजर स्टिल प्लांट भिलाई, डॉ. दिनेश बिसेन - IRS officer (ce&e), ऋषी बिसेन- IRS officer (IT) रायपुर, तथा श्रिमती डॉ. किरन बिसेन DFO छिंदवाडा, जिन्होने अथक परिश्रम कर निजी क्षेत्र तथा शासकिय क्षेत्र मे उच्च स्थान प्राप्त किया है। गांव की मिट्टी से निकलकर बिसेन परिवार ने समाज मे आदर्श स्थापित कर बालाघाट जिले का गौरव बढाया है।
एक कहावत है, "इमारत नाम से जानी जाती है ना की उसे बनाने वाले मजदुर के नाम से" इसी प्रकार तिनो बेटो को क्लास वन ऑफिसर बनाने के पिछे पिता श्री फागुलालजी बिसेन के अथक परिश्रम का महत्वपूर्ण योगदान है। ८/११/१९५२ मे ग्राम खामघाट तह. लालबर्रा जिला बालाघाट मे एक कृषक परिवार मे जन्मे श्री फागुलालजी बिसेन २ वर्ष के थे तब ही उनके पिताश्री का देहांत हो चुका था, भ्राता की उम्र १० वर्ष थी, परिवार की सारी जिम्मेदारी मां पर आ चुकी थी; इन विपरीत परिस्थितीयो से लढकर मां ने बेटे श्री फागुलालजी बिसेन को BA D.ed. तक पढाने तक अपना सर्वस्व दिया, सन. १९७४ मे फागुलालजी बिसेन का विवाह श्रीमती क्रिष्णा ठाकरे बिसेन से हूआ; सन. १९७५ मे फागुलालजी बिसेन ग्राम खोलवा तह. बैहर के शासकिय स्कुल मे सहाय्यक शिक्षक नियुक्त हूए।
शिक्षक श्री फागुलालजी बिसेन को तिन पुत्र हूए, वित्तिय समय मे प्रथम पुत्र नरेंद्र बिसेन (एन. के. बिसेन) स्टिल प्लांट भिलाई मे प्रबंधक के रुप मे कार्यरत है, वही द्वितिय पुत्र श्री. डॉ दिनेश बिसेन IRS officer (C&CR) (indian revenue service) तथा तृतिय पुत्र इंजी. ऋषीजी बिसेन IRS officer (income tax) raipur मे कार्यरत है। उस समय शिक्षक श्री फागुलालजी बिसेन की मासिक तनख्वा २५० रुपए थी, इतनी कम आय मे परिवार नियोजन करना बहौत ही मुश्किल था फिर भी पत्नी श्रीमती क्रिष्णा बिसेन के साथ मिलकर कठिन से कठिन शिक्षा समस्याओ से लढकर उन्होने अपने तिनो बेटो को उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान की। रविवार को भी वे अपने बेटो को ६ से ८ घंटो तक पढाया करते थे, उनका एकमात्र लक्ष्य बेटो की शिक्षा था।
गांव मे खेती थी, लेकिन बेटो के बेहतर भविष्य के निर्मान मे लगे श्री फागुलालजी बिसेन ने खेती बडे भाईयो को दे दी। पत्नी श्रीमती क्रिष्णा बिसेन भी बेटो की शिक्षा के प्रयास किया करती थी, दोनो ने अपने बेटो के शिक्षा के लिए अपना सर्वस्व दिया। पत्नी श्रीमती क्रिष्णा बिसेन का भी बेटो की शिक्षा के लिए विषेश सहयोग प्राप्त होता था। कम आय और उच्च स्तर की शिक्षा के चलते शिक्षक श्री फागुलालजी बिसेन को जिवन मे बहौत संघर्ष करने पडे फिर भी उन्होने हिम्मत नही हारी और अंत मे तिनो बेटे बालाघाट जिले के गौरव तथा समाज के लिए प्रेरना बन गए।
उसी के साथ परिवार मे महिलाएओ ने भी अपनी प्रतिष्ठा स्थापित कर शिक्षक फागुलालजी बिसेन के स्वप्न को साकार किया है। प्रथम पुत्र नरेंद्र बिसेनजी की पत्नी डॉ. सविता बिसेन व्हेटरनरी कॉलेज अनुजा दुर्ग मे सहायक प्रोफेसर के रुप मे कार्यरत है, वही द्वितिय पुत्र दिनेशजी बिसेन की पत्नी डॉ. किरन बिसेन छिंदवाडा जिले मे DFO (divisional forest officer) है। एंव तृतिय पुत्र ऋषीजी बिसेन की पत्नी बिंदु बिसेन सामाजिक कार्यकर्ता है। समाज मे आदर्श स्थापित करने वाले शिक्षक श्री फागुलालजी बिसेन सन. २०१० मे बैहर गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कुल मे मुख्याध्यापक के रुप मे नियुक्त हूए, एंव २०१० के अंत मे स्वास्थ के कारन वे सेवानिवृत हूए। श्री फागुलालजी बिसेन एक पिता के रुप मे समाज के लिए आदर्श तथा प्रत्येक पिता के लिए प्रेरनास्रोत है।
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✍ सोनू भगत ✍
!! अखिल भारतिय पवार गर्जना !!
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