Friday, May 1, 2020

वैज्ञानिक डॉ. योगी पारधी

           हमारा ग्रामिण समाज प्रतिभाओ का धनी है, ग्रामिण युवाओ को सही मार्गदर्शन   एवं दिशा मिले तो वह आसमान छू लेते है। यह लेख उस व्यक्ती का जिवन परिचय है जिसने ग्रामिण पोवार क्षेत्र को प्रतिष्ठा एंव सन्मान दिलाया है। गोंदिया जिले के तिरोडा तहसिल मे ग्राम ठानेगाव के कृषक परिवार मे श्री. उरकुडाजी पारधी के घर १ अगस्त १९८० को योगी पारधी इनका जन्म हुआ। ४ भाई बहनो मे योगीजी मंझले भाई है| उनके परिवार का प्रमुख व्यवसाय खेती एंव पशुपालन था इसलिए योगीजी इनका बचपन से ही खेती कार्यो मे रुचि एवं सहयोग रहा। वह शनिवार एंव रविवार की छुट्टियो मे घर की गाय चराने हेतू खेतो मे ले जाते थे। तथा बारिश के दिनो मे खेती मे सहयोग भी करते थे।
           योगी पारधी इनकी प्राथमिक शिक्षा छत्रपती दुबे प्राथमिक शाला तिरोडा से प्रारंभ हूई एंव बाद मे उन्होने ५वी कक्षा से शहिद मिश्रा हायस्कुल तिरोडा से १०वी तक अपनी शिक्षा पूर्ण की। इस बिच वह ठानेगाव से तिरोडा तक १६ किमी प्रतिदिन राज्य परिवहन की बस और सायकल से आना जाना करते थे। ११वी और १२वी की पढाई के लिए उन्होने समर्थ ज्युनियर सायंस कॉलेज लाखनी से शिक्षा प्रारंभ की एंव पायाभुत शिक्षा पुर्ण होने के बाद उन्होने वर्ष २००२ मे  रामटेक के कवि कुलगुरु इंस्टिट्युट ऑफ टेक्नोलॉजी & सायंस कॉलेज से BE मैकेनिकल इंजिनियरिंग मे पुर्ण किया। उन्होने IIT रुडकी (उत्तराखंड) से वर्ष २००५ मे Industrial Metallurgy मे M Tech पुर्ण किया। अपने Masters पाठ्यक्रम के दौरान उन्हे जर्मनी के Technical University of Munich से एक वर्ष की अवधी के लिए DAAD (German Academic Exchange Service) स्कॉलरशिप से सन्मानित किया गया था। वर्ष २०१० मे ब्रिटेन के University of Birmingham से उन्होने Metallurgy & Materials Science मे PhD पुर्ण किया। उनके डॉक्टरेट शोध के दौरान Universities UK द्वारा प्रतिष्ठित ORSAS फेलोशिप से सन्मानित किया गया है। वर्ष २०१३ मे वह ख्यातीप्राप्त Rolls Royce कंपनी से जुड गये, वह Advance Manufacturing Engineer के पद पर कंपनी के लिए सेवा देने लगे। वर्ष २०१४ मे उनको प्रमोशन मिला और उनकी पदस्थी  Principal Manufacturing Engineer पद पर हूयी। वर्ष २०१६ मे उनकी एक बार फिर से पदोन्नती हूयी और वह Staff Manufacturing Engineer पद पर पहूंचे। इस बिच उन्हे वर्ष २०१९ मे rolls Royce द्वारा दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ Sir Henrry Royce award for Technology and Innovation in Manufacturing सन्मान से सन्मानित किया गया| यह सन्मान उन्हें 3D Printing  अथवा Additive Manufacturing के क्षेत्र मे अत्युत्तम योगदान के लिए दिया गया। डॉ. योगी पारधी "Metallurgy- Advances in Materials and Procesess" किताब के संपादक है। उनके वर्तमान आविष्कार उपरोक्त प्रकार पेटेंट उनके नाम पर दर्ज है।
• manufacturing method & post- processing treatment. US2018221955A1; EP3357605A
• Heat treatment after ALM of gamma- strengthened nickel based supperalloy component. US2018361478A1; EP 3415253A
• Crack reduction for additive layer manufacturing. US2019366438A1; EP 3575018A1
• Method of manufacture US2019255617A1; EP3530759A2; EP3530759A3; GB2571280A
• Method of manufacturing a component. GB2570723A; US2019240783A1
• Heat treatment method. US2018361475A1; EP3403748A1
• Nickel base superalloy and use thereof. US2018073106A1; EP3293276A1; EP3293276B1
वही ३ आविष्कारो के पेटेंट अभी दर्ज होना बाकी है, फिलहाल उनका प्रकाशन के लिए पंजियन हेतू भेजे गये है। अप्रैल २०१९ मे उन्होने Rolls Royce से इस्तिफा दिया और विश्व ख्यातीप्राप्त Sulzer कंपनी मे Global Lead-Additive Manufacturing के पद पर जुड गये| वर्तमान मे वह Sulzer मे कार्यरत है।
              डॉ. योगी पारधी सामान्य कृषक परिवार नही, बल्कि ऐसे पिता के पुत्र है जिन्होंने कृषि के क्षेत्र मे घरगुती तरिके से कृषी क्षेत्र मे परिवर्तन एंव गायों के माध्यम से जैविक खेती प्रांरभ की जिसके लिए उन्हे राज्यपाल द्वारा 1982 मे पुरस्कार प्रदान किया गया है। डॉ. योगी पारधी वे उनके पुत्र है जिन्होंने उनके क्षेत्र में विचारक्रांती परिवर्तन के लिए गायत्री शक्तिपीठ की स्थापना आचार्य श्रीराम शर्मा  द्वारा की। जनमानस में अच्छे संस्कारो को प्रस्थापित करने में अविरत व बहुमूल्य योगदान दिया। आदर्श सामूहिक व कम खर्चे वाली वैदिक विवाह पध्दति को प्रचारित किया। श्री योगी पारधी भी गायत्री परिवार के सदस्य है और विदेश में रहकर भी भारतीय संस्कारो का पालन करते है  व ध्यान, यज्ञ आदि को नियमित करते है। उनके पिताजी  श्री उरकुडाजी  पारधी इन्होंने अपने बाड़े में ही गायत्री मंदिर का निर्माण कर परिसर में पवित्र वातावरण का निर्माण कर लिया है। उस पवित्र वातावरण के संस्कारों में व कड़े अनुशासन में ही श्री योगीजी की परवरीश हुई है। और उन्होंने एक आदर्श पुत्र के अपने उत्तरदायित्व पूर्ण किये है।

माहिती स्रोत- श्री महेन पटले, श्री रणदिप बिसने


                        - सोनू भगत
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    niteshbhagatpawar.blogspot.com

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