Sunday, May 3, 2020

काव्यस्पर्धा क्र. 8 विषय-कास्तकार


आमरो देश से कृषी प्रधान, वोको मुखींया आय किसान l

नारा लगे जब जय जवान, मुख पर आये जय किसान l

मेहनत लक से जेला प्यार, भाऊ कसेती वोला कास्तकार l

फसल नहीं आव घरं जब वरी,
पसीना टपकाये  कास्तकारी l

विपदा आये देश मा केतरी भी भारी, पार लगाये आमरो किसान की यारी l

कोरोना को कहर मा सब परेशान,
किसान न बचाईस सबकी जान l

सरकार वैज्ञानिक सब हैराण,
कोरोना योद्धा संग किसान को से बहुत योगदान l

भुखो ना सोये कोई इंसान,प्रण लेवो पोवार क्षत्रिय किसान l

मिटावन जन जन की भूख, मेहनत करसे कास्तकार खूब l

जब तक से भूख की मांग, सामने आये देश को किसान l

मानव जिवन को आय येव भगवान, हमेशा करो येको 
सन्मान l

पोवारी की से बात न्यारी, करसेजन व्यवसाय नौकरी संग कास्तकरी l

अन्न को से जी येव दाता ,समाज को से भाग्य विधाता l

आत्म हत्या ला रोको आता,
कहानलक आनो दूसरों 
अन्न दाता l

प्रा.डॉ हरगोविंद चिखलु टेंभरे
मु. पो. दासगांव ता. जि.गोंदिया
मो.९६७३१७८४२४ 🙏🙏

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