Sunday, May 3, 2020

काव्यस्पर्धा क्र. 8 विषय-कास्तकार

रचयिता सृष्टी का,रचसे मनु जीवन
नरमानव ला जगावसे,कास्तकार श्रावण.....!!१!!.....

कर्मरत् कर्मधनी,निरंतर श्रमरत्
कास्तकार जीव,सर्वजीवा अभिमत्...!!२!!

रमे रामनामे सदासर्वकाळ सुंदर 
नमन कर्मयोगीला असो यो धुरंधर....!!३!!

रातदिनी समरयोग रानावनांसी संगर
तरी धीरगंभीर असो कास्तकार सुंदर.....!!४!!

स्वाभिमानी बाणा वको नही झोरा मां मांग
जनम् जनम् को पुण्य अस्थिरताला न थांग...!!५!!

°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
✍रणदीप बिसने

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...