Sunday, May 10, 2020

चारोली (माय)

आपरो आशीष, आपरो हेम, मोरो  लाईच ठेव से!
मोरी माय को पाय खाल्या, मोला जन्नत चोव से!
दुनिया का सब दुःख त सह लेसे हाँसत-हाँसत ही,
पर मोला जरा सो दरद होसे त, माय बड़ी रोव से!

तुमेश पटले "सारथी"
दिनांक- १०/०५/२०२०

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...