विषय: माय
दि - १०/०५/२०२०
माय मंजे का ममताको आगर /
लोनी जसी मऊ दयाको सागर //
माय मंजे का झाड की सावली /
करूणा मयी वाच माय माऊली //
माय की माया ना बापको पयार /
यकदून नही सुखी रहे संसार| //
मा- धनलालजी राहांगडाले
गोंदिया
अग्निवंशीय पोवार(पँवार) क्षत्रिय समाज के इतिहास, संस्कृति और पोवारी बोली के साहित्य के प्रकाशन हेतु यह ब्लॉग बनाया गया है। पोवारी संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन इसका मुख्य उद्देश्य है। जय माँ गढ़कालिका जय पोवार(पँवार), जय पोवारी
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