!! इंजी. श्री महेन पटले !!
विभिन्न क्षेत्रो में रूचि रखकर समयदान देकर, अपनी कोशिश के द्वारा, वैचारिक योगदान के जरिये, अच्छे बदलावों के लिए निरंतर प्रयासरत किस प्रकार रहा जा सकता है उसका एक उदाहरण इंजिनियर श्री महेन पटले है। पोवार समाज के इतिहास को लोगो तक पहुचाने में उनका बड़ा योगदान रहा है। वे पोवार वंश के इतिहास पर गहन अध्ययन कर समाज के प्रति अपना कर्तव्य भलीभांति पूर्ण करने की कोशिश कर रहे है।
वर्तमान में श्री महेन पटले नागपुर के निवासी है तथा वे गोंदिया जिले के तिरोडा नामक शहर से है। वे उपविभागीय अधिकारी स्व. श्री आर. डी. पटले इनके सुपुत्र है। उनका जन्म सन १९७२ में हुआ। उनका शिक्षण तिरोडा, गोंदिया व् नागपुर में हुआ। वे शालेय जीवन में साहित्यिक व तीन बार राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्राचार्य श्री गो मो कोलते इनके विद्यार्थी रह चुके है। उन्होंने सिविल अभियांत्रिकी स्नातकीय अभ्यासक्रम के लिए एम. आय. ई. टी. व् हाइड्रोलिक्स इंजीनियरिंग विषय के लिए व्ही एन आय टी नागपुर में अध्ययन किया है। वे पुर्णतः शाकाहारी व् आध्यात्मिक विचारो से प्रेरित व्यक्ति है। व्यसन रहित सीधीसाधी जीवन शैली का अंगीकार किया है। वे नियमित ध्यान व् यज्ञ आदि को जीवन का हिस्सा मानते है।
अध्ययन पूर्ण होने के बाद शुरुवात में श्री अन्ना हजारे से प्रेरित शासकीय वाटरशेड डेवलपमेंट जैसे प्रोजेक्टस में उन्होंने कार्य किया। उसके बाद वे कामठी में पॉलिटेक्निक में प्राध्यापक के पद पर नियुक्त हुए। उनके अपने कार्य शैली के कारण प्राध्यापक बनने के अगले ही दो महीने के भीतर हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट के पद पर पहुचे और अगले दो महीने में वे प्रिंसिपल बने। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में फैले भ्रष्ट आचरण को समाप्त करने के अथक प्रयास किये। उसी प्रकार शिक्षा के साथ साथ विद्यार्थियों के वैचारिक उत्थान के लिए भी काफी प्रयत्न किये, उत्तर भारतीय, बिहार जैसे विभिन्न प्रदेशो से आये विद्यार्थियों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। इस कार्य के लिए उन्होंने कॉलेज के स्नेह सम्मेलनों में व्यक्ति निर्माण सम्बन्धित प्रवचन व् गायत्री यज्ञ करवाया। ब्रम्ह कुमारी चेतना सेंटर से प्रवचनों का आयोजन भी करवाया ताकि विद्यार्थीका नैतिक उत्थान हो और वे अच्छे नागरिक साबित हो। करीब चार वर्ष शिक्षा क्षेत्र में अपना योगदान देने के बाद वे अभियांत्रिकी निर्माण क्षेत्र के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र से जुड़ गये। वे कंसल्टिंग अभियंता के रूप में अनेको मेगा प्रोजेक्टस में अपना योगदान दे चुके है। पिछले २० वर्षो से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट व् कंसल्टिंग के कार्य में व्यस्त है, वे भवन निर्माण से सम्बन्धित डिजाईन, लैंडस्केपिंग डिजाईन, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट आदि में कार्य करते है। वे पर्यावरण संरक्षा के मद्देनजर ग्रीन बिल्डिंग निर्माण सम्बन्धित कार्य में भी अपना योगदान देते है।
प्रतिदिन २ घंटे समाज कार्य के अंतर्गत वे अपना समय विभिन्न क्षेत्रो में देते है। अपने अभियांत्रिकी क्षेत्र के अलावा वे राष्ट्रिय विषयों पर गहन चिंतन करते है व् उसमे भी अपना समय देते है। वैचारिक नेतृत्व के तहत वे करीब २५ विभिन्न राष्ट्रिय नागरिक मंचो से जुड़े है और शीर्ष स्थान पर पहुचे है। यह मंच विभिन्न मन्त्रालयो से जुड़े है। इन मंचो में पूर्ण भारत से करीब १८ लाख लोग अविरत राष्ट्रिय मुद्दों पर चर्चा कर अपने सुझाव व् मुद्दे मन्त्रालयो को व्हाइट पेपर्स के रूप में प्रस्तुत करते है जहा उनके आधार पर योजनाये, नये बदलाव अस्तित्व में आते है जो एक लोकतान्त्रिक प्रणाली का हिस्सा है। उन्होंने कई राष्ट्रिय मुद्दों को इन मंचो पर अच्छे तरीके से रखा है। समान नागरिक संहिता, मेक रेलवे बेटर, स्वच्छ भारत मिशन, इनोवेशन तथा स्किल इण्डिया, पर्यावरण, राजनीतिक उत्कृष्टता, गुड गवर्नेंस से सम्बन्धित मुद्दों पर उन्होंने काफी योगदान दिया है। उनके अनुसार समाज सेवा बिना लोगो के बीच गये भी की जा सकती है। अच्छे बदलावों को व्यवस्थित ढंग से सही मार्ग से जन सामान्यो तक निस्वार्थ रूप से पहूचाना भी समाज सेवा है।
इसीके साथ वे इतिहास विषय पर अपनी अच्छी पकड़ रखते है। प्राचीन भारतीय संस्कृति व् इतिहास के बारे उन्होंने काफी अध्ययन किया है। बचपन से उनको इस विषय में रूचि रही। उन्हें ग्रंथो को पढ़ने का शौक रहा है, उन्होंने विशेषतः पोवार समाज के इतिहास को उजागर करने के लिए काफी बड़ा डेटा बेस तैयार किया है। मूल शिलालेखो , गज़ेटियरस, ख्यातो, लेखो, दस्तावेजो अध्ययन किया है और संसार के अन्य देशो से भी पँवार इतिहास के बारे में काफी जानकारिया उन्होंने प्राप्त की है जो अमूल्य है, इस विषय में लोगो तक इतिहास पुर्णतः पहुचे इसलिए वे सोशल मिडिया के द्वारा प्रयत्न करते रहते है। उनके द्वारा संजोये हुए बहुमूल्य जानकारियों को एक फ्री पुस्तक के रूप में प्रदर्शित करने की कामना रखते है।
वे इसीके साथ अध्यात्म व् ब्रम्हाडीय भौतिकी में भी रूचि रखते है और अपने विचार दुनिया भर में पहुचाते है। वे अध्यात्म व् जीवन मूल्यों पर आधारित अपने विचार वे अपने ८१०० मित्रो के द्वारा करीब ३२ देशो में पहुचाते है।
वे विकिपीडिया पर एडिटिंग का कार्य करके निस्वार्थ ज्ञान के प्रसार में अपना योगदान देते है। वे गूगल मैप्स पर भी कार्य करते रहते है। वे डिजिटल जगत के कई साफ्टवेअर में कार्य करने का ज्ञान प्राप्त किया है। वे ग्राफिक्स, 3D मॉडलिंग में पारंगत है और आभासीय जगत के विडिओज बनाने की क्षमता रखते है। उसी प्रकार वे डिजिटल मूर्तिकला , चित्रण में भी पारंगत है। उन्हें बचपन से चित्रकला, मूर्तिकला, गायन, सुलेखन आदि में रूचि रही है, वे प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक सम्पदा, विचार आदि के अभ्यासक है। उन्हें बचपन से ही मार्शल आर्ट के प्रति लगाव रहा है। वे विभिन्न ग्रुपों में एडमिन, मॉडरेटर आदि की भूमिका निभाते है, साथ ही कुछ पेज भी चलाते है।
उन्होंने सामाजिक भवन व् मन्दिरों के निर्माण में विनामुल्य निर्माण व् डिजाईन में तकनीकी समन्वय साधकर सहयोग दिया है। ऐसे कार्यो में योगदान व् उत्कृष्टता के लिए वे सामाजिक संघठन, महानगर पालिका आदि के द्वारा सन्मानित भी किये गये है।
वे अपनी व्यस्तता के कारण भले ही जमीनीस्तर पर लोगो के बीच जाकर कार्य नही कर पाते पर अप्रत्यक्ष रुप से बड़े सुधारो व् बदलावो को कार्यान्वित करने हेतु यंत्रणाओ के साथ मिलकर कार्य करने की कोशिश करते है।
इतिहास से बोध लेकर सम्मिलित तौर पर उज्जवल भविष्य की ओर बढने हेतु समाज के लोगो को उनके अपने पूर्व अस्तित्व की जानकारी जरूरी है ऐसा उन्हें लगता है और उसी दिशा में उन्होंने पिछले छह सालो में कड़ी मेहनत से विश्वसनीय जानकारिया हासिल की है जो महत्वपूर्ण है।
वे कहते है की हमारे छोटे छोटे योगदानों से ही बड़ा बदलाव आएगा। हम जहाँ भी है वहा अपना अच्छा कार्य करते रहे तो जरूर एक दिन विकसित व सुसंस्कृत राष्ट्र का निर्माण कर लेंगे और उसी दिशा में बढ़ने के लिए वे अपनी ओर से प्रतिबध्द है।
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- सोनू भगत
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