Monday, June 15, 2020

पोवारी सत्याग्रह chhaya pardhi 001


सखू: आवणा रखु बाई बसो ना.

रखू: कसो चल रही से तूमरो समूह , जितन उतण पोवारी इतिहास,साहित्य अना उत्कर्ष समूह की चर्चा से.

सखू: तुमला भी मालुम भयेव का त बाई.

रखु: हो ना, आता काहाय त  पोवारी सत्याग्रह  सुरू से कसेत.
मोला त काहीच नहीं समजेव.मी गांधीजी को सत्याग्रह आयके होतो.

सखू: बाई आमी वैनगंगा का पोवार/ पंवार आजण ३६ कुर वाला…..कोण त कवत होता ,आता पोवार को एकच नाव ठेईसेन खरा….

रखु: या बडी चिंता की बात से, अामरी पहचानच बदल गई,

सखू : हो ना, मुनच सब  पोवारी सत्याग्रह कर रह्या सेती. आपलो पूर्वज की पहचान टिके पयिजे मून.

रखु : येव तो मस्तच काम कर रह्या सेती सब न साथ देये पायजे.
तबच त आमरी पहचान रहे समाजमा।

सखू: हो ,हो,सब साथ देये पायिजे.

सौ. छाया सुरेंद्र पारधी

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