धान की बीजायी
गणू :- आवो आवो राम राम जी
मनू: भाऊ जय राम जी की भाऊl
गणू: कितन लक आयत जी भाऊ बहुत दिवस मा पाय वाकडा भया आमरो गांव कन l
मनू: अं.. बटा बीजयी लाईक फिर रयी सेव जी भाऊ l
गणू: काहे तजी ऐन साल बीजाई को धान नही ठेयात ?
मनू: ठेयव होतो भाऊ आता का सांगू मोरी अक्कल काम नही कर रही से l
गणू: पयले चाय पीवबिन मग गोष्टी, बाई कूरसी आन मोठ्या गण हव बाबूजी, चाय ठेवजो दुय कप?
बेटी: बसो मामाजी मी पटकन चाय आनुसू l
मनू: बाई को बिया जमेव काही खबर बतीम आयीती का?
गणू: सामने को साल देकबिन जी भाऊ, खबर रहे त संगो जी टूरा की बाई अउंदा तेरावी मा सिक रयी से आमरयांन बाई l
मनू : होजी एक मोरो नजर मा टूरा से जी टूरा बाका से कमाई वालो से l
गणू: होका जी भाऊ दिवारी कन संगो देकबिन तसो बिया निपटाय देबिन आंमऱ्यान बाई ला त तुमी ना देक लेयात आता l
बेटी: थोडी शरमायी न आयी चाय धरो मामाजी,बाबूजी चाय l
मनू: एक हजार दस की से बीजायी चले का भाऊ रब्बी की आय पयलो करास की l
गणू: बाका होये जी जरा कमी पाणी की जमीन से हलको कम दिवस को धान लगाउंन कसू जी l
मनू: दिवारी को जवर जवर कट जाये धान जी जमे, केतरोक होना त जी l
गणू: पाचक कुडो की खार से कमी जास्ती ला सयक कुडो देय देवो जी भाऊ l
मनू: होजी..आपरो कास्तकार जवर होना,मी का कसू वोन बात पर ध्यान ठेवण जी भाऊ l
गणू: होजी आपरी घर की बात आय आमी नही त कोन जोडे बिया मी सांगुण l
मनू: बाई पोथंडी आन भला,कुडो बी आन्नजो पटंग पर रहे l
बेटी: यव धरो बाबूजी,मांडव.. l
गणू : धरो जी भाऊ सय कुडो धान होय जायेत l
मनू: होजी तुमरो बहुत बहुत धन्यवाद जी भाऊ आता जासु बसो आता तुमी राम राम जी l
गणू: जय राम जी की भाऊ...पर ध्यान वोन बात पर ठेवॊ जी..l
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प्रा.डाँ.हरगोविंद चिखलु टेंभरे
मु.पो. दासगांव ता.जि.गोंदिया
मो.९६७३१७८४२४
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