Monday, June 15, 2020

धान की बिजायी Dr.Hargovind Chikhlu Tembhare 001


धान की बीजायी 

गणू :- आवो आवो राम राम जी 

मनू:  भाऊ जय राम जी की भाऊl

गणू: कितन लक आयत जी भाऊ बहुत दिवस मा पाय वाकडा भया आमरो गांव कन l

मनू: अं.. बटा बीजयी लाईक फिर रयी सेव जी भाऊ l

गणू: काहे तजी ऐन साल बीजाई को धान नही ठेयात ?

मनू: ठेयव होतो भाऊ आता का सांगू मोरी अक्कल काम नही कर रही से l

गणू: पयले चाय पीवबिन मग गोष्टी, बाई कूरसी आन मोठ्या गण हव बाबूजी, चाय ठेवजो दुय कप?

बेटी: बसो मामाजी मी पटकन चाय आनुसू l

मनू: बाई को बिया जमेव काही खबर बतीम आयीती का?

गणू: सामने को साल देकबिन जी भाऊ, खबर रहे त संगो जी टूरा की बाई अउंदा तेरावी मा सिक रयी से आमरयांन बाई l

मनू : होजी एक मोरो नजर मा टूरा से जी टूरा बाका से कमाई वालो से l

गणू: होका जी भाऊ दिवारी कन संगो देकबिन तसो बिया निपटाय देबिन आंमऱ्यान बाई ला त तुमी ना देक लेयात आता l

बेटी: थोडी शरमायी न आयी चाय धरो मामाजी,बाबूजी चाय l

मनू: एक हजार दस की से बीजायी चले का भाऊ रब्बी की आय पयलो करास की l

गणू: बाका होये जी जरा कमी पाणी की जमीन से हलको कम दिवस को धान लगाउंन कसू जी l

मनू: दिवारी को जवर जवर कट जाये धान जी जमे, केतरोक होना त जी l

गणू: पाचक कुडो की खार से कमी जास्ती ला सयक कुडो देय देवो जी भाऊ l

मनू: होजी..आपरो कास्तकार जवर होना,मी का कसू वोन बात पर ध्यान ठेवण जी भाऊ l

गणू: होजी आपरी घर की बात आय आमी नही त कोन जोडे बिया मी सांगुण l

मनू: बाई पोथंडी आन भला,कुडो बी  आन्नजो पटंग पर रहे l

बेटी: यव धरो बाबूजी,मांडव.. l

गणू : धरो जी भाऊ सय कुडो धान होय जायेत l

मनू: होजी तुमरो बहुत बहुत धन्यवाद जी भाऊ आता जासु बसो आता तुमी राम राम जी l

गणू: जय राम जी की भाऊ...पर ध्यान वोन बात पर ठेवॊ जी..l
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प्रा.डाँ.हरगोविंद चिखलु टेंभरे
मु.पो. दासगांव ता.जि.गोंदिया
मो.९६७३१७८४२४

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