मोहतुर
पोवार समाज का किसान
करसेत तीज क् दिन मोहतुर,
जमीन को उपकार मानन साती
पुजा करन को से दस्तुर.
तीज क् पहले क् रातमा
बखर धरस्यार जासेत खेतमा,
आरती, नारियल, अना बिजाई,
का धान रव्हसेती संगमा.
खेत की करसेत सेंदुर, कुंकू,
नारियल, अगरबत्ती ल् पूजा,
जेक् हातको मोहतुर रव्हसे
वु सबसे पहले फोकसे बीजा.
वोक् बादमा सबजन
फोकसेत एक एक कर बीजाई,
आखिर मा बख्खर चलायो
जासे फोककर बीजाई.
काही लोक खार भरनक्
भारीच करसेती मोहतुर,
पर धरती माय की पूजा
पोवार किसान करसेत जरूर.
मोहतुर आय धरतीला
फसल चांगली देनसाती प्रार्थना,
धरती क् उपकार की
मून सब करसेत प्रार्थना.
रचना- चिरंजीव बिसेन
गोंदिया.
मो. नं. ९५२७२८५४६४
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