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रामु नावको एक टुरा रव्हसे .उ बहुत गरिब रव्हसे.रोज किलोभर कमायके आनसे तबच वोको घर चुलो पेटसे.एक दिवस उ कामपर रेल्वे को पटरी पटरी जात रव्हसे तब ऊ देखसे की वोको सामने एक बँग पडी दिससे पयले वोला लगसे की कोणीकी बँग पळी रहे पर वोको मनमा जरासो लालच पैदा होसे की,का रहे यन बँग मा देख लेसू.मंग रामु पयले इत उत देखसे की वोला कोणी देखत नही अना चुपचाप वन बँग ला उचलसे.जरासो घबराय जासे रामु की वोला कोनी देखीन त नही.रामु एक सुरक्षित जागा परा जायके वन बँगला खोलसे. रामु जसो बँग खोलसे तसोच.....पयले त रामु ला आपलो डोरा पर बिस्वासच होय नही ......पर घडीभर स्तब्ध रहेव परा वोला समज मा आवसे की या हकी आय.वन बँग मा पैसा की बींडल की बींडल रव्ह सेत .जब रामु पैसा मोजसे त वन बँग मा पुरा दसलाख रुप्या रव्ह सेत .
रामु सोचसे मोरी किस्मत चमक गयी.जब बी भगवान देसे छप्पर फाड के देसे.मंग रामु आव नही देख ना ताव नही देख अना ज्या ट्रेन आवसे वन ट्रेनलका शहर जासे.कारण वोला लगसे की गावको लोगला शक होय जाये की यतरा पैसा रामुजवळ कसा आया.अना रामु सोचसे की शहरमा जाऊ त वहा वोला कोनी वळखनको बी नही.शहर पोहोचेव को बाद ऊ पयले अच्छो दुकान मा जायके आपलो साठी चांगला कपळा,चप्पल अना अजून दुसरी वस्तू लेसे.मंग आपलो साठी एक खोली देखसे जेको मा वोला रव्हनो रव्ह से.रामु बिचार कर से की आता ऊ एखाद धंदा खोले अना आपली पुरी जींदगी शहर माच बिताये.
रामु जवळ आता पैसा ,अच्छो घर सबकुछ भय गयेव पर वोला आता असो लगत होतो की मोरी अमिरी मी गावको लोगइनला देखाये पायजे म्हणून वन एक पार्टी ठेईस गालको आपलो यार दोस्तसाठी अना सबला फोन करके बुलाईस.
रामु को पार्टी को दिवस आयेव .सकाळी रामु आंगपाय धोयके तयार भयेव अना गावको दोस्तइनकी बाट देखन बसेव.वोतरो माच घर की दरवाजो की घंटी बजी रामुला लगेव गावमाका वोका दोस्त आया रहेत म्हणून रामुन खुशी खुशी दरवाजा खोलीस त का देखसे.देखके रामु सुन्न मय गयेव कायलाकी दरवाजो पर पुलीस उभा होता अना उनको मंग काही लोक बी उभा होता.रामुन उनला कहीतरी देखी होतीस.वय सब लोग एकसंगमा कवन बस्या यव उच आय जेन आमला नकली नोट देईस अना सामान लेईस.यतरो माच रामु को गावका वय दोस्त बी आय गया जीनल रामु न पार्टीसाठी बुलाई होतीस.रामु उनखो सामने आपलो अमिरी को प्रदर्शन करणार होतो पर वोकी सपा नाक कट गयी.
रामु डोस्काला टो़गऱ्या मा टाकके खाल्या बस गयेव अना बिचार करन बसेव की हे भगवान यव का भय गयेव.आता पुलीहला लगत होतो की नकली नोट छापने वालो को गँग मा रामु शामील से.रामुन सबला जानला सांगीस अना पुलीस ला पुरी बिती घटना सांगीस.पर वय त पुलीस आत मानेत तब ना!
रामूला पुलीस न कस्टडी मा लेईस अना मार मार के विचारपुस करीस.रामु न सब सांगीस की वा बँग वोला कहा मिली.कसो उ शहर आयेव.मंग पुलीस न तहकीकात करीस त पता चलेव की वन दिन वहा लका नकली नोट छापने वाली गँग वन ट्रेन लका गयी होती अना पुलीस को भेव लका बँग पटरी परा फेक देई होतीन.तरिपण रामूला सजा भयीच.
बोध-हमेशा किस्मत सहजासहजी नही पलटं वोकोसाती मेहनत करनोच पळसे
✍वर्षा पटले रहांगडाले
बिरसी (आमगांव)
गोंदिया
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