Friday, July 10, 2020

महाराजा भोजदेव chhaya pardhi

महाराजा भोजदेव

मोरो खून मा बडो उबाल से
मोरो धार मा बसेव प्राण से
मोरी बोली मोरी पहचान से
मोरी अलबेली नगरी धार से

एक राजा होतो बडो विद्वान
संपूर्ण होतो ऊ शस्त्रकलामा
पारंगत भोज वेदोको ज्ञानमा
भक्त वूं लीन वांग्देवीको भक्तिमा

राजाभोज की राजधानी धारमा
मालवा की महाराणी वा शानमा
बड़ो शूरवीर महाप्रतापी शौर्यमा
कई राजाला धूल चटाईस रणमा

बहत्तर कलामा होतो पारंगत  
चौरयाशी ग्रंथ को रचियता 
भोजशाला सरस्वतीसदन बन्या
ज्ञान को प्रचार प्रसारमा

पंडित छिटपला होतो महाज्ञान
*कालिदास* उपाधि कोओला मान
रोहंतक बुद्दिसागर दुही बड़ा विद्वान
राजाको दरबार होतो नवरत्नों की खान

कर्णदेव न चालुक्य राजा भीम संग 
करिस मालवा पर  आक्रमण मंग
वृद्ध राजा घातक बीमारी होती संग                                    हार गयेव लूट गयेव मालवा को रंग

सौ छाया सुरेंद्र पारधी

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...