राखी
प्रीती का धागा मा प्यार उभर रही से !
सारो जग मा सच्छो प्यार भाई बहीण को से !!
राखी त्योहार आय बहीण भाई को !
एकमा प्यार भरी से पुरो परिवार को !!
सालभर याद नही आये त चले भाई कि !
पर राखी करावसे याद भाई कि !!
लहान लहान भाई सब न कहीन!
राखी बांधे मोरी बहीण !!
राखी को आईसे येव त्योहार !
सकाळी उठ के सब होये जावं तयार !!
धरती माई न चंदामामा ला इंद्रधनुष्य कि राखी बांधी सेस !
बिजली चमकाय के चंदामामा न रिमझिम पाणी कि झडी लगायि सेस !!
बहीण कसे भाई ला तोरो हात मा कि राखी मोला याच याद देये !
तोरो पर को दुःख ना संकट पहले मोला आये !!
देवराज भुरकन पारधी
9545068090
No comments:
Post a Comment