खाजो की बाट
आय गयव काम धंधा को घात,
बहीण देखसे भाई को आवन की बाट ll
लाडु चिवडा लगी अनरसा की साद,
बहीन देखसे खाजो की बाट ll
एक लुगडा माय को घर की याद,
बहीन देखसे भाई को घर की सीदोरी की बाट ll
नवती बहु को माय घर की लगी सबला साद,
डोरा देखसे माय को घरको खाजो की बाट ll
पोवार की बेटी को घर की आस,
सबला लगीसे खाजो की बाट ll
लग रही से दिवस लाक्तखाड,
आय गयी से दिवस अखाड ll
पावन महिना सबकी लगी आस,
बेटी देखसे लाक्तखाड की बाट ll
जब लगसे यव घात सबला भेटे,
खुशी आनंद की सौगात ll
प्रा.डाँ.हरगोविंद चिखलु टेंभरे
मु.पो.दासगांव ता.जि.गोंदिया
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