अखाळलगता
अखाळ लगता | तपन च तप ||
कसी लगे जप | किसानला,,, ||
नांगर दतार | कुदर पावळा ||
धानको बिवळा | करो अर्थी,,,!!
लगेव अखाळ | चिंता लगी भारी ||
आता भरो खारी | भाऊ तुम्ही || ||
धुरा पारी करो | खंदो गां खरुटा ||
करो गां चिराटा | किसानीमा,,,, ||
अखाळको पाणी | पड् झर झरा ||
पडसे खोदरा | जमीनमा,,,,,, ||
अखाळको पाणी | पड् ठंडोगार ||
हिरवीगार गां | बनराई,,,,, ||
सांगसे हिरदी| अखाळ की बात ||
पाणीकी गां बाट || देखसेती,,,, ||
!!!कवी |||
श्री हिरदीलाल नेतरामजी ठाकरे
मु भजियापार पो चिरचाळबांध
ता आमगाँव जिल्हा गोदिया
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