Friday, July 3, 2020

अखाड लगता hirdilalji thakre 16


             अखाळलगता
अखाळ लगता | तपन च तप ||
कसी लगे जप | किसानला,,, ||

नांगर  दतार  | कुदर पावळा ||
धानको बिवळा | करो अर्थी,,,!! 

लगेव अखाळ | चिंता लगी भारी ||
आता भरो खारी | भाऊ तुम्ही ||  ||

धुरा पारी करो | खंदो गां खरुटा ||
करो गां चिराटा | किसानीमा,,,, ||

अखाळको पाणी |  पड् झर झरा ||
पडसे खोदरा  | जमीनमा,,,,,, ||

अखाळको पाणी | पड् ठंडोगार ||
 हिरवीगार  गां  | बनराई,,,,, ||

सांगसे हिरदी| अखाळ की बात ||
पाणीकी गां बाट || देखसेती,,,, ||
               !!!कवी |||
 श्री हिरदीलाल नेतरामजी ठाकरे 
मु भजियापार पो चिरचाळबांध 
ता आमगाँव जिल्हा गोदिया 

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