Monday, July 13, 2020

टूरा टूरी ला देखन गयो पर kalyani patle 01


 टूरा टुरी ला देखन गयो पर

माय: चलो जल्दी जल्दी तयारी करो तूमला टुरी देखन जानो से नहीं त मोटर निकल जाये.

फुफा: हव मी अच्छी तयारी करूसू, मी टुरा की फुफा आव ना काही मोरो भी रूबाब पड़े पाहीजे.

टूरा: तुम्ही कांता मावसी आव ना, तुम्हारा केस कारा कसा भया.

मावसी: मीन अजच केसंला वू का कसेत रे वोला........  टाय लगायो.

टूरा: मावसी टाय नहीं डाय.

    (टुरी को घर आवनो पर)
(टूरी को माय ला आय क नो मा दिकत रवसे)
माय: आवो बाई बसो आवो

फुफा: भाऊ गीन कहा गया त.

माय: नहीं बाई मी कहीं नहीं जाव मी घरच रवुसू.

फुफा: टुरी कहा सेत बुलावोना.

माय: नहीं बाई आमला एकच टुरी से.

मावसी: (जोर लक) टुरी ला बुलावो कयो.
           (टुरी आवसे)
फुफा: काजक नाव सेत बाई

टुरी: दार भात खाई.

मावसी: कहातक पढ़ी सेसत बाई.

टुरी: अर्धो दिन तक पढ़ी.
 (अर्धो दिन=१२ वरी)
टूरा: तोला गाना आव से.

टुरी: हव.

टूरा: गायके देखाव.

टुरी: (कारो चश्मा लगायके) गोरे गोरे मुखड़े पे काला काला चश्मा...........
  
     कु.कल्याणी पटले
      दिघोरी, नागपुर

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