Monday, July 13, 2020

संस्कार shekhram yedekar 18

       संस्कार

घरमा संस्कार, संसार उध्दार
धर्म को आकुर, सुखरुप।। १।। 

अजी ना मायका, संस्कार टुरामा
जगन की सीमा, शिकावसे।। २। 

जेक् संग रहे, संस्कार को वास
जींदगी को नाश, नही होय।। ३।। 

जेक संगतीला, संस्कार की कमी
सन्मान की हमी, कशी भेटे? ।। ४।। 

जेक् भवनमा, संस्कार की खाण
बुज्रुक सन्मान, चोये वहा।। ५।। 

अज का संस्कार, सकारी चोयेती
पीढीमा आयेती, बेलासक।। ६।। 

कवसे शेखर, जपो यव धन
पराये दुर्गुण, बहु दुर ।। ७।। 

डॉ. शेखराम परसराम येळेकर*
दि १२/७/२०२०

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