Monday, July 27, 2020

राखी vandana katre 20

       राखी

रिमझिम रिमझिम आयव पाणी
त्योहार आयी से आता रक्षाबंधन
पुनव को चांदा खबर लेसे मोला
कब जाजो तू भाईला राखी बांधन ।।

नहान नहान सेती रे मोरा भाई
निःस्वार्थ से रे उनको उ प्यार
सोनो चांदी की नहाय रे लालच
द्रोपदी को कृष्ण सरीकी प्रेमधार ।।

दीपक ज्योती की सजाऊन थाली
पिढो ला बी करून सुंदर आरास
रेशम की वा डोर बंधायके भाईला
जपुसू उ आपसी रिसता बहुत खास ।।
 
भाई को लंबी उमर की करुसू रे प्रार्थना
यवच से पवित्र बंधन को खरो सार
विपदा को रक्षा कवच से मोरो भाई
तकलीफ ला कर देसे हमेसा पार ।।

माय अजी का अनमोल सेती रतन
भोवजाई बी से माय घरको साज
आनंद भरेव सरावन सबला सांगसे
रक्षाबंधन से सब रिसता को सरताज ।।

हे !!सरावन पौर्णिमा को चंद्रमा 
तूच सेस खरो रक्षाबंधन को दुवा
कोनीला नहाय बहिण कोनीला भाई
भर दे तूच उनको जीवन मा पवित्र सेवा ।।


वंदना कटरे "राम-कमल"
गोंदिया
२६/०७/२०२०

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