Thursday, August 13, 2020

कान्हा मोरो सखा chiranjiv bisen 22

 कान्हा मोरो सखा
  
देवकी क् गर्भ ल् जन्म लेईस मथुरा क् जेलमा, 
कई राक्षस ईनला मारीस वोन् बचपन मा. 

पिता वासुदेव न् पहॅुचाईस वोला गोकुल मा, 
नंद बाबा, यशोदा मा पालीन वोला बचपन मा. 

कंस न बहुत कोशिश करीस् वोला मारन की, 
हर कोशिश विफल भय गई वोला मारन की. 

गोपी ना राधा संग खूब रचाईस प्रेम लिला, 
धेनु चराईस,बांसुरी सुनायकर मोहिस सबला. 

मथुरा जायकर ध्वंस करीस कंसकी यज्ञशाला, 
मथुरा मा जायकर मारीस पापी कंस मामाला. 

जरासंध संग लढाई सोडकर आयेव द्वारका, 
द्वारकाधीश कहलायेव वोक् बादमा कान्हा. 

हस्तिनापुर क् सभा मा बचाईस द्रोपदी की लाज, 
पांडव ईन की मदत करके करीस उनका काज. 

महाभारत युद्ध मा अर्जुन को चलाईस रथ. 
गीता को ज्ञान देईस जो चल रही से अविरत. 

धर्म क् रक्षा साती दुष्ट इनको करीस नाश, 
असो कान्हा से सब भक्त इनको सखा खास. 

               रचना - चिरंजीव बिसेन 
                                 गोंदिया.

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