भजन
इकतारा की धुन गिरधर नागर कवसें
भक्तिमा होयके मगन मीरारानी नाचंसें ll
( कोरस-गोपालकृष्ण राधेकृष्ण)
दिवानी बनी मीरा बचपन पासुन मुरारी की
कांता मानं खुदला मनमोहन बनवारी की
पग मा घुंगरू छम छमा छम छननन नाचं सें ll1ll
राणाजी पठावंसे मारन सरप को पिटारा
फूल की हार बन जासे हात लगावसें जब मीरा
पिटारामा लक कान्हा की मूर्ती भी निकलं सें ll3ll
राजघरानोंमा जन्मी पली लाड-प्यार मा
आसरा वोला सिर्फ गिरधर को संसार मा
महल छोड़कर मीरा जोगन बनके जासें ll4ll
मीराबाई दीन की रे आयकजो दीनानाथ
सब भक्तन ला भी दर्शन देजो द्वारकानाथ
गोपालकृष्ण कवत मीरा कृष्णभक्ति मा रमी सेंll5ll
शारदा चौधरी
भंडारा
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