कान्हा
गोरी राधा भयी होरी को रंग मा सावरी
कान्हा संग एकरूप राधा सुंदर बावरी ।।धृ ।।
होरी को रंग मा रंगेव नंद गाव को गोकुल
रंगनाथ बी भयव आब राधा साती व्याकुल
हिवरी धरती उनला देखकन भयी पिवरी
कान्हा संग एकरूप राधा सुंदर बावरी ।।1
निलवर्णी कान्हा ला चोयव राधा रूप निरो
राधा कृष्ण मा भयव तल्लीन गोकुल सारो
भिजेव साडी पर मारसे श्रीरंग पिचकारी
कान्हा संग एकरूप राधा सुंदर बावरी ।।2
गवळण, गोपिका बी जमा भयी खेलन होरी
कोनी नवता ओरखत वा राधा गोरी गोरी
कृष्ण ओको सखाच गयव आता जवरी
कान्हा संग एकरूप भयी राधा सुंदर बावरी ।।3
वंदना कटरे "राम-कमल"
०९/०८/२०२०
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