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माय गडकालिका
(चाल:- मां ज्वाला तेरी )
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जय अंबे माय गड कालिका नमन तोला बारबार
भक्त की तू रखवाली से २ //
सिंहासन पर चढी भवानी कर सोळा सिंनगार ss
महिमा अजब निराली से //धृ //महिमा........
कोणी कसेती माय दुर्गा कोणी कसेती भवानी /
धारानगरी मा आसन तोरो चंडिका कसेत कोणी //
भक्त आया तोर चरनमा करदे बेडापार ssss
तोर बिन कोन वाली से २ //१//सिंहासनपर......
राजा भोज की कुलदेवी जेका आम्ही वंशज आजन /
पोवार जाती आय आमरी सेवा तोरीच कर सेजन //
तोर द्वार पर मस्तक ठेऊ ना बेलफुल चढावू ssss
हात आरतीकी थाली से २ //२// सिंहासनपर......
वैनगंगा मा ओटामा बसीसे पोवार की जाती/
रातदीन वय गावसेती माय तोरीच आरती //
नोको दुरावजो माय आमला गुण गावुन तोरो sss
पोवारी च मायबोली से २ //३//सिंहासनपर.......
धरती क कोना कोना मा बसी पोवारकी जाती/
बोलसेत वय पोवारी ना करसेती तोरीच आरती //
आशीर्वाद सबला देजो करूसू बीनती बारम्बार sss
तुच भक्त की रखवाली से २ //४//सिंहासनपर.....
डी पी राहांगडाले
गोंदिया
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