Wednesday, September 2, 2020

पाेवारी भाषाविश्व नवी क्रांति

🔶 बडभाऊ (An Elder Brother) 🔶

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1. जीवंत बाेधकथा 

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      मी आपलाें बडभाऊ  काे स्वभाव अनुभव करेव .अनेक परिवाराें काे बडभाऊ काे मन की गहराई माेजन काे प्रयास भी करेव. आखिर येन् निष्कर्ष पर पहुँचेव कि बडभाऊ येव बडभाऊच रव्ह से . वाेकी सर काैनताेच भाई नहीं कर सक्. 

      भारतवर्ष ला स्वतंत्रता मिलन काे पूर्व  काे निकटवर्ती कालखंड मा व स्वतंत्रता मिलेव काे पश्चात अनेक वर्ष पर्यंत पाेवार समाज मा माेठाे  टुरा ला  " बडभाऊ " व यदि टुरी माेठी रही त् वाेला  " बडीबाई " कव्हन काे रिवाज विपुल प्रमाण मा वर्तमान बालाघाट, सिवनी  गाेंदिया, भंडारा येन् सब जिलाआें काे पाेवार समाज मा प्रचलित हाेताे. आब् भी या पद्धति  माेठाे प्रमाण मा हयात से. "बडभाऊ ( An Elder Brother) "  शीर्षक  की , .पाेवार समाज काे  घर -घर मा प्रचलित  या सत्य -सजीव  कथा पाठकाें ला  पाेवार समाज काे जनजीवन  व पारिवारिक जीवन काे दर्शन करायें . 

        बडभाऊ काे मन संपूर्ण परिवार मा सब भाई -बहिनीन साती सागर दुन भी गहराें रव्ह् से. परिवार वा वू त्याग व समर्पण काे प्रतीक रव्ह् से. एखाद वस्तु बडभाऊ न् अति आवश्यक से म्हणून यदि आपलाें स्वयं काे उपयोग साती बनाई रहेस. परंतु लहान भाई अथवा बहिन न् वा भी वस्तु बडभाऊ ला मांगीस त् वू आपली इच्छा व  गरज  ला गाैण मानके आपलाे लहान भाई अथवा बहिऩ ला देय देसे. 

        माेराे बड़भाऊ काे नाव श्री. लिखीराम जी पटले असाे हाेताे. बडभाऊ घर काे मुखिया हाेताे. माेराे लहान भाई डॉ.  एस. सी. पटले काे नाव लक प्रसिद्ध हाेताे. माेरी माय श्रीमती हिरकनबाई पटले अना बडभाऊ इनन् आमराें दुही भाईन ला स्कूल -कॉलेज काे शिक्षण देवाईन. एक घन बडभाऊ न् नाैकर -बन्ह्यारईन की हाजरी ना रुपया -पैसा सुरक्षित ठेवन साती लाकूड़ की एक आलमारी बनवाईन. वा माेला पसंद आय गयी. येकाे कारण मी  वा  आलमारी आपली पुस्तक् ठेवन मांग लेयेव .बडभाऊ न् आपली इच्छा मारके व आपली गरज कर दुर्लक्ष करके वा आलमारी माेला देय देईन. येकाे येकाे पश्चात बडभाऊ न् माेठांग की  माेठाे छपरी की भीत मा की लहानसी आलमारी  लकच आपलाें काम चलाईन. येन् प्रसंग काे बेरा बडभाऊ काे चेहरा का भाव मी बाच लेयेव. जसा बाचेव तसाच यहाँ वर्णित करी सेव. माेरा बडभाऊ माेराे साती राम वानी हाेता. माेराे लहान भाई आमराें दुही भाईन साती हनुमान वानी हाेताे.  परंतु  केवल असाे   कव्हनाें भी माेराे द्वारा येन् दुही भाईन  की आत्मा पर  अन्याय करन काे समान हाेये. असल  मा माेरा बडभाऊ ये माेराे एकटाें का बडभाऊ नव्हता. वय आपलाे मिलनसार , सीधाे ,उदार स्वभाव काे कारण आमराें जन्मस्थान माेहाड़ी मा सबकाच बडभाऊ हाेता. वय आमराें पूर्ण रिश्तेदारी का भी बडभाऊ हाेता वय माेरी मामी - मावशी -फूफू का भी बड़भाऊ हाेता. वय माेरी माय का भी बड़भाऊ हाेता. . तसाेच माेराे लहान भाई येव केवल माेराे साती हनुमान समान सेवाभावी वृत्ति  काे नव्हताे बल्कि वू माेहाड़ी व येकाे पंचक्राेशी काे सब गांववालाेंइन साती,  सब रिश्तेदाराें साती, येतराेंच नहीं त् आपलाें संपर्क क्षेत्र काे सब इष्टमित्राें साती वू हनुमान समान दाैड़धूप करनेवालाें व सब साती मददगार व्यक्ति हाेताे. संकटाें काे सामना करनाें व संबधित व्यक्तियाें ला संकट मा लक बाहेर काहाड़नाें मा वाेकी विशेष दिलचस्पी हाेती. येकाे कारण वू बहुत लाेकप्रिय हाेताे. 

      पाेवार समाज मा केवल आमराें घर काेच नहीं बल्कि सब घर काे , प्रत्येक बडभाऊ काे स्वभाव मा गहराई ,सच्चाई  ,उदारता आदि. गुणाें का दर्शन हाेनाें एक आम बात से. माेठाे भाई ला आमराें समाज मा  " बाप दाखिल " मानेव जासे. घर मा बेगरचार हाेसे त्  पड़ताे हिस्सा हर्षपूर्वक बडभाऊच उचल् से. 

 2 . शिक्षा  अथवा बाेध ( Lesson) 

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        (1.) बडभाऊ येव एक शब्द नहीं बल्कि सर्वाेत्तम सदगुणाें काे एक अमूल्य संस्कार आय . वस्तुत: बडभाऊ येव शब्दच माेठाे टुरा ला संस्कारित कर देसे , माेठाे मन काे बनाय देसे. याच बात घर की बडीबाई मा भी  समान रुप लक देखी जासे. अत: लहान भाई -बहिनीन न्  माेठाे भाई -बहिन की आत्मा ला जाननाें  व उनकी बात ला  आपलाें जीवन मा महत्व देनाें भी आवश्यक से. येकाे लक घर  व्यवस्थित चल् से.  घर मा  सुख -समृद्धि - खुशहाली आव् से .

        (2.) नवयुग मा घर ला स्वर्ग बनावन साती पहले वानीच  भाई -भाई  व बहिन -भाई काे  प्रेम की जपणूक करनाें अज भी आवश्यक से. 

        (3.) घर चलावन ला बडभाऊ की आवश्यकता रव्ह् से तसाेच  काैनसाे भी प्रकार काे संगठन चलावन  साती  कर्णधाराें मा भी बड़भाऊ का गुण रहें पाहिजे. उत्कर्ष परिवार मा काैन -काैन मा बडभाऊ का गुण सेती येकाे आकलन मी करत रहूं सू .येन् आमराें बडभाऊआें काे भराेसाें लक, इनकी गहरी समझ व सूझबूझ लक उत्कर्ष परिवार ला मनाेवांछित फल की प्राप्ति हाेवाे, याच माेरी मनाेकामना से.


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इतिहासकार 

प्राचार्य आे.सी.पटले  

एम. ए. (इतिहास),  एम. ए. ( राजनीति),  एम. एड् .


Political Science , Nag. Uni. Topper Oct. 1989.


जन्मस्थान - माेहाड़ी. कर्मभूमि -आमगांव. (महाकवि भवभूति काे जन्मस्थान )  संपर्क 9422348612.

मंग.08 / 09 / 2020.

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पाेवारी भाषाविश्व नवी क्रांति को तत्वज्ञान

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बन जाओ पाेवारी को माली , देओ समाज ला हरियाली

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            मी अन्य कोणतोही समुदाय को व्यक्तिओं संग् स्वाभिमान लक बात करू सू. कारण , कोणी न् पाेवारी भाषा ना पाेवार समाज की अवहेलना करत  यदि प्रश्न पूछीस की विश्व को इतिहास मा  तुम्हारों समाज को योगदान का से ? असी अवस्था मा मोरो जवर येको उत्तर तैयार से ----  "पाेवारी भाषा"  येव उदाहरण पाेवारी भाषा को महत्व बेहतरीन तरीका लक अभिव्यक्त कर् से.

            भारतवर्ष मा कई असा जातिसमुदाय सेती कि जिनकी स्वयं की मातृभाषा नाहाय. असो समाज का व्यक्ति मनोमन पाेवार समाज ला श्रेष्ठ मान्  सेती, कारण पाेवार समाज जवर स्वयं की स्वतंत्र भाषा से. येव                                                                                                                                                          संशोधित तथ्य सूक्ष्म अवलोकन , निरीक्षण , परीक्षण अथवा अध्ययन पर आधारित से ना सिद्ध कर् से कि पाेवार समाज जवर पाेवारी भाषा को रूप मा एक गौरवास्पद सांस्क्रृतिक संपदा ( Cultural Heritage)  मौजूद से. अतः या संपदा यदि आम्हीं कालप्रवाह  मा खोय देया त् आम्हीं दरिद्रनारायण बन जाबी.

           पाेवारी भाषा या पाेवार समाज की जड़ (Root Of The Powar Comunity) आय. यदि येला सिंचित करो त् पाेवार समाज मा हरियाली ना बहार आये. अतः पाेवार युवाओं उठो !  जागो !  पाेवारी बोली ला भाषा को दर्जा जबवरि हासिल नही होय तबवरि वोको उन्नयनसाठी सतत् तत्पर रहों !  रूको नहीं !  (Don't  Stop )


तत्वज्ञ , इतिहासकार

प्राचार्य ओ.सी.पटले

प्रणेता -  पाेवारी भाषाविश्व नवी क्रांति (  भारतवर्ष)

शनि. 8/9/2018.

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🔷🔶 तुम्हीं धीरु -धीरु मरन लगाें 🔶🔷

         ( you Will Die Slowly )

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पाेवार भाई तुम्हीं धीरु-धीरु मरन लगाें , यदि तुम्हीं 

पाेवार ( पंवार ) काे बदला पवार बनन लगाे

पाेवारी भाषा ला पवारी कव्हन लगाें 

पाेवारी  संस्कृति ला पवारी कव्हन लगाे… 


पाेवार भाई तुम्हीं धीरु -धीरु मरन लगाें , जब तुम्हीं 

राष्ट्रीय महासभा लक भ्रमित हाेन लगाे 

राष्ट्रीय संगठन लक गुमराह हाेन लगाे 

कर्णधाराें काे चक्रव्यूह मा फंसन लगाें 

पवार काे झंडा काे खाल्या नाचन लगाें … 


पाेवार भाई तुम्हीं धीरु - धीरु मरन लगाे, यदि तुम्हीं 

पाेवारी भाषा बाेलनाें साेड़न लगाे 

पाेवारी भाषा लिखनाें साेड़न लगाें 

पाेवारी संस्कृति काे त्याग करन लगाें 

पाेवारी अस्मिता सीन घृणा करन लगाें 

आपली ऐतिहासिक पहचान मिटावन लगाें 

आपलाें पूर्वजाें काे इतिहास बिगाड़न लगाें ,,, 


पाेवार भाई तुम्हीं धीरु -धीरु उठन लगाे, जब् तुम्हीं

मी पाेवार , असाे गर्व लक कव्हन लगाें 

पाेवारी भाषा ला आगे बढ़ावन लगाें 

पाेवारी संस्कृति पर गर्व करन लगाें 

आपलाे ऐतिहासिक नाव काे संरक्षण करन लगाें 

आपली मूल पहचान  बचावन लगाें 

पाेवार समाज काे  सही हित पहचानन लगाें 

समाज काे हित रक्षण साती एकजुट हाेन लगाें 

समाज काे हित रक्षण साती संघर्ष करन लगाें 

पाेवार /पंवार नाव काे राष्ट्रीय संगठन बनायके चलन लगाें ...

असाे नहीं कराें त् धीरु -धीरु तुम्हीं मरन लगाें… 


                                    🖍  इतिहासकार 

@साेम. 7/9/2020.          प्राचार्य ओ.सी.पटले 

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आधुनिक  ऐतिहासिक बाेधकथा ( Moral Tale) -
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🔷 प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल 🔷
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द्वितीय महायुद्ध येव इ.स. 1939-45 येन् कालखंड मा लढ़ेव गयेव. येव महायुद्ध जर्मनी,  इटली, आस्ट्रिया, जापान आदि. शत्रुराष्ट्र व इंग्लैंड, फ्रांस  ,अमेरिका आदि. मित्रराष्ट्राें काे बीच लढ़ेव गयेव.
द्वितीय महायुद्ध प्रारंभ भयेव वाेन् समय नेविल चैंबरलेन येव इंग्लैंड काे प्रधानमंत्री हाेताे. वाेन् जर्मनी काे तानाशाह हिटलर की आक्रामक नीति काे प्रति तुष्टिकरण नीति (Appeasement Policy) अपनायी हाेतीस. परंतु येकाे लक हिटलर की हिम्मत व साम्राज्यवादी आकांक्षा निरंतर बढ़त गयी. 1 सितंबर 1939 ला हिटलर न् पोलैंड पर आक्रमण करताच इंग्लैंड न् जर्मनी काे विरुद्ध युद्ध प्रारंभ कर देईस.  युद्ध   न्  जल्दीच  माहायुद्ध  काे स्वरुप  धारण कर लेईस . शुरुआत मा इंग्लैंड ला पराजय काे सामना करनाें पड़ेव. परिणामस्वरूप चैंबरलेन न् प्रधानमंत्री पद काे राजीनामा देईस. वाेकाे स्थान पर विंस्टन चर्चिल ला प्रधानमंत्री बनायेव गयेव. चर्चिल न्  रेडियो पर  राष्ट्र व विश्व ला संबोधित करके प्रथम जाहिर भाषण देईस. येन् भाषण मा वाेन् आत्मविश्वासपूर्वक घाेषणा करीस कि   "आम्हीं हिटलर काे विरुद्ध अनेक लड़ाई हारया ,  लेकिन आम्हीं  लाेकशाही काे रक्षण साती युद्ध लढ़  रहया  सेजन  व आमरी बाजू न्यायपूर्ण रहेव लक हुकुमशाही शासकाें काे  विरुद्ध अंतिम युद्ध आम्हींच जितबी.  विश्व मा शांति प्रस्थापित करबी व लाेकशाही  साती  विश्व ला  सुरक्षित करबी. "
प्रधानमंत्री चर्चिल काे येन् भाषण काे कारण मित्रराष्ट्राें मा नवचैतन्य आयेव. युद्ध की बाजू पलट गयी. चर्चिल काे येव वाक्य अजरामर भय गयेव.
द्वितीय विश्वयुद्ध मा मित्रराष्ट्राें ला हिटलर - मुसाेलिनी समान उन्मादी ,  हुकुमशाही शासकाें  काे विरुद्ध विजय हासिल कराय देनाें मा सबदुन अधिक श्रेय  प्रधानमंत्री चर्चिल  ला हाेताे. 1945 मा  जापान काे हिराेसिमा व नागासाकी येन्  दुय महानगरों पर  अमेरिका द्वारा अणुबम टाकताच व  वाेका भयानक परिणाम दिसताच विश्व कांप उठेव.  परिणामस्वरूप  येव महायुद्ध समाप्त भयेव.
द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त हाेताच इंग्लैंड मा संसद का चुनाव ( Parliamentry Election)  आय गया. निर्वाचन मा चर्चिल काे अनुदार दल ( Conservative  Party). चुनाव मा बहुमत हासिल नहीं कर पायेव चुनाव हार गयेव. इंग्लैंड मा  श्रमिक दल (Labour  Party)  ला बहुमत मिलेव .
चुनावी हार काे पश्चाच कर्मधर्म संयाेग लक  माजी  प्रधानमंत्री  चर्चिल अमेरिका गया. वहाँ काे एक विख्यात पत्रकार न् चर्चिल महाेदय ला पयलाेच प्रश्न  पूछीस   कि " मान्यवर चर्चिल महाेदय ! हिटलर के विरुद्ध  मित्रराष्ट्राें काे विजय हासिल कराने में सबसे बड़ा श्रेय आपकाे ही है.  लेकिन युद्धाेपरांत ब्रिटेन के मतदाताआें ने  आपकाे एवं आपके दल काे क्याें नकार  दिया ? " येकाे पर
विंस्टन चर्चिल न्  आपलाे  राष्ट्र काे सम्मान ला सर्वापरि महत्व देत  बहुत संयमित , समर्पक व मार्मिक उत्तर देईस कि " माेराे देश की जनता राजनीतिक  दृष्टि लक परिपक्व से , वा  बहुत  अच्छाें प्रकार लक जान्  से कि युद्धजन्य परिस्थिति मा राष्ट्र ला सशक्त नेतृत्व  देन की  परिपूर्ण क्षमता  विंस्टन चर्चिल मा से . लेकिन  राष्ट्र  व संसार ला  जब् शांति की आवश्कता से तब्  ब्रिटेन काे शानदार नेतृत्व  करन की  परिपूर्ण क्षमता वाेकाे मा नाहाय ,  बल्कि  वा याेग्यता  क्लिमेंट  रिचर्ड एटली  मा से. येकाे कारण ब्रिटेन की जनता न्  वाेकाे पक्ष ला नकार देईस .जनता न् लेबर पार्टी ला बहुमत मा चुनकर आनीस व संसद न्  मि. एटली  काे मजबूत हाथाें मा प्रधानमंत्री पद की बागडाेर साेपीस ." मि. चर्चिल काे येव उत्तर  विश्व इतिहास  मा स्वर्णाक्षराें मा नमूद से.

बाेध ( Lesson ) -
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1.    समाज अथवा  राष्ट्र ला सही  नेतृत्व  देन की  क्षमता जेकाे मा से वाेन् पद  संभाले पाहिजे .जेव आपलाे दायित्व काे निर्वाह मा अयस्वी भय गयेव वाेन् चेंबरलेन वानी स्वेच्छा लक आपलाें पद काे राजीनामा देय देये पाहिजे. येव वाेकाे नैतिक दायित्व  से.
2. विंस्टन चर्चिल काे अभिप्राय पर लक अवगत हाेसे कि प्रत्येक व्यक्ति मा अलग -अलग  क्षमता रव्ह् से .अत: प्रत्येक  प्रतिभावान व्यक्ति समाज व राष्ट्र साती महत्वपूर्ण रव्ह् से . प्रत्येक व्यक्ति न् आपली य़ाेग्यता व क्षमतानुसार कार्य करें पाहिजे.
3. पाेवार समाज मा भाषिक व आमूलाग्र क्रांति आननसाती एक विशेष प्रकार की याेग्यता लक परिपूर्ण व्यक्ति  अथवा व्यक्तियाें की आवश्यकता से . क्रांति  सफल हाेयेव पर संभवत: अलग प्रकार काे व्यक्ति अथवा  व्यक्तियाें काे समूह पाेवार समाज ला अधिक लाभदायक साबित हाेये .
4.द्वितीय महायुद्ध  येव तानाशाही पासून  लाेकशाही काे रक्षण साती लढ़ेव गयेव हाेताे. येकाे पर लक सीख मिल् से कि  चांगली व्ववस्था व चांगली संस्कृति काे संरक्षण साती प्रयत्न करनाें येव मानव धर्म से. पाेवार समाज न् भी आपली  पहचान  , मातृभाषा  व    संस्कृति काे संरक्षण साती  प्रयत्नशील रहें पाहिजे.
5.  चेमबरलेन न् हिटलर पर अति विश्वास कर लेई हाेतीस , तसाे काेनी पर अति विश्वास नहीं करें पाहिजे.
6. प्रधनमंत्री चर्चिल मा जसाे आत्मविश्वास हाेताे. तसाे आत्मविश्वास लक जीवन मा य़श मिल् से. अत: आम्हीं स्वयं भी  आपलाें क्षमताआें पर पूर्ण विश्वास ठेवबी त् आम्हीं भी आपलाें  वैनगंगा तटीय 36 कुर वालाें पाेवार समाज की पहचान कायम ठेयके  समाज काे उज्ज्वल भविष्य भी अवश्य साकार करबी.

 
                                         इतिहासकार
साेम.03/09/2020.        प्राचार्य आे.सी.पटले

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पंवारी भाषा काे रथ  
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आगे -आगे माेरी लेखनी, संशाेधित विचार !
संग्-सग् रथ, भाषा से वाेकाे पर सवार !!1!!

रथ काे सारथी से, युवाशक्ति काे पुरूषार्थ !
विकास काे रथ पर, भाषारानी से सवार !!2!!

अंग्रेजी उभी सामने, रथ राेकन तैयार !
युवा साथ मा सेती, भाषा का हिमायतदार !!3!!

देवनागरी लिपि काे, साहित्य ला से आधार !
भाषारानी काे रथ, कर रही से बाधा पार !!4!!

युवाशक्ति की लेखनी ला, चढ़ रही से धार !
भाषा काे उत्थान काे, खुल रही से महाद्वार !!5!!

 

- प्राचार्य ओ सी पटले इतिहासकार
प्रणेता :- पंवारी भाषाविश्व नवी क्रांति, भारतवर्ष
रचना - मंग. 3/9/2019
स्थान - विद्यानगरी, आमगाँव (M. S.)

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 पाेवारी भाषाविश्व नवी क्रांति

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हायकु

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भारतमाता

स्वर्ग दुन महान

सृष्टि की शान  

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धर्म ना जाति

राष्ट्रपेक्षा से गौण 

दिल की बात

     *

राष्ट्रचिंतन

परम धर्म मोरो

गौण संसार

      *

पाेवारी भाषा

ईश्वरी  वरदान  

मोरो  श्रृंगार

     *

पाेवारी भाषा

मधुर -  मनोहारी  

माय की वाणी

      *

मोरो ध्येय से

पाेवारी को उत्थान

प्राण संचार  

     *

मोरो जीवन

सदा राष्ट्रचिंतन

सेवा भाषा की

     *

क्षत्रिय आव

भाषा की रक्षा करू

बढ़ावू मान

     *


तत्वज्ञ , इतिहासकार

प्राचार्य ओ.सी.पटले

प्रणेता -  पाेवारी भाषाविश्व नवी क्रांति (  भारतवर्ष )

रवि. 02/09/2018.

 

पाेवारी भाषाविश्व नवी क्रांति
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हायकु
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क्रांति का स्वर
गुंज्या  लेखनी लक
जाग्या युवा  भी
       *
लगी  कतार
हात मा ले मशाल  
फैली अंगार  
        *
क्रांति भड़की  
आया हवा  का झोंका
बनके साथी
        *
क्रांति की आग  
होती सब दिलों  मा
भड़की  आज
        *
नवा विचार
आधुनिकीकरण
भया स्वीकार
         *
भाषिक  क्रांति
पाेवार समाज मा
गयी संचार
          *
भाषा पाेवारी
नवीन राह पर
लगी बढ़न
        *
सीमा पर भी
से क्रांति की मशाल
धगधगती !
        *
तत्वज्ञ , इतिहासकार
प्राचार्य ओ.सी.पटले
प्रणेता -  पाेवारी भाषाविश्व नवी क्रांति ( भारतवर्ष  )

टीप -  काही पाेवार युवा , सैनिक  ना कवि भी सेती . भाषिक क्रांति की धगधगती मशाल् आती.
साेम. 03/09/2018.

 


 

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