मोर(चाल-नाच रे मोरा)
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चल रे बंड्या ,गावखारीमा
मोर आया देखनला चल//धृ//
मोरयकि फेरी आयि से
अमराईखाल्या नाचसे
पिसारो देखन,तुराबि देखन २
चल रे लहानस्या चल$$ //१//
चल रे बंड्या----
राष्ट्रीय पक्षी आमरो रे
कानाक् मुकुटमा मोरपिस रे
रंगीत डोरो,पुस्तकमा् न्यारो २
पिस् धरनसाठी चल //२//
चल रे बंड्या--
बादलमा खुशी, होसे वला
वकवानि सुंदर ,पिस आमला
उडतो मोरयको रुप,उड्यानखटुलोको२
पक्षीको राजा, देख चल$$//३//
चल रे बंड्या----
जंगलमा् संकट बढीसे
पिसयसाठी वकि, सिकार होसे
मोठाआमी होबीन,सरकारमा् जाबिन२ अमराई बचावन चल$$ //४//
चल रे बंड्या---
पोवारक् आमी टुराटुरी
निसर्गराजाकि आस भारी
शारदामायको मोर,देये बुद्धिला जोर २
संस्कृती बचावन चल$$//५//
चल रे बंड्या ,गावखारीमा
मोर आया देखनला चल।।
पालिकचंद बिसने
सिंदिपार(लाखनी)
९४२१७१६१२८
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