Thursday, September 3, 2020

मोर : पालिकचंद बिसने


मोर(चाल-नाच रे मोरा)
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चल रे बंड्या ,गावखारीमा
मोर आया देखनला चल//धृ//

मोरयकि फेरी आयि से
अमराईखाल्या नाचसे
पिसारो देखन,तुराबि देखन २
चल रे लहानस्या चल$$ //१//
         चल रे बंड्या----

राष्ट्रीय पक्षी आमरो रे
कानाक् मुकुटमा मोरपिस रे
रंगीत डोरो,पुस्तकमा् न्यारो २
पिस् धरनसाठी चल //२//
           चल रे बंड्या--

बादलमा खुशी, होसे वला
वकवानि सुंदर ,पिस आमला
उडतो मोरयको रुप,उड्यानखटुलोको२ 
पक्षीको राजा, देख चल$$//३//
       चल रे बंड्या----

जंगलमा् संकट बढीसे
पिसयसाठी वकि, सिकार होसे
मोठाआमी होबीन,सरकारमा् जाबिन२ अमराई बचावन चल$$ //४//
          चल रे बंड्या---

पोवारक् आमी टुराटुरी
निसर्गराजाकि आस भारी
शारदामायको मोर,देये बुद्धिला जोर २
संस्कृती बचावन चल$$//५//
 चल रे बंड्या ,गावखारीमा
मोर आया देखनला चल।।

पालिकचंद बिसने
सिंदिपार(लाखनी)
९४२१७१६१२८
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