Monday, October 12, 2020

खऱ्यान (द्रोणकाव्य) V B deshmukh 32


कट गयेव धान,
पड़या कडपा,
बाँधबो बोझा,
खऱ्यान,
पुंजना,
बांधी,
मा ।

जूपो खुर दावन,
बनाओ खऱ्यान,
डाको पइर,
जूपो गाड़ो
तनिस,
धान,
मा ।

सराओ खऱ्यान,
भरो ना पइर,
उड़ाओ रास,
अगरबती,
जराओ,
खेत,
मा ।

हिट गयेव दिन,
मारबिन बेठ,
रास साजरी,
सोड़ सँजो,
चुरनी,
खंडी,
मा ।
 
            व्ही, बी, देशमुख
                रायपुर।

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