दोस्ती
चल ना रामू आपून खेलनला जाबिन
चीचको झाडखाल्या मज्यां करबीन
झाड ला टायर को झुला बांधबिन
मज्या लक दुही वहा झुला झुलबिन
तरा को पानी मा डुबकी लगावबिन
दुहिच मस्त डोबरामा मसरी धरबिन
स्कुलमा मिलकर शिकनला जाबिन
संग दुही बसकर अभ्यास करबिन
पढ़ लिखकर साहेब आमी बनबिन
बचपनकी दोस्ती कभी नहीं भुलबिन
सौ छाया सुरेंद्र पारधी
No comments:
Post a Comment