Monday, October 26, 2020

दोस्ती D.P.Rahangdale 10


                       
  दोस्ती 
                         
रामु ना शामू दुही मा होती दोस्ती।
संगमाच खेळत करत होता मस्ती।।

बीट्टी ना दांडु,रव्ह गोलीको खेल ।
इतउतन संगजाती खुप रव्ह मेल।। 

लुकाछीपी खेलत सब संगी भाई।
रामुपराच गण देनकी पारी आयी।।
 
कोनी गया इतउत झाळ मंग लप्या।
भेट्या नही रामुला कसे कांहा लुक्या ।।

गण काही सूट नही जायकर रुसेव।
अलग गयेव रामु ना एकटोच बसेव।।

धावत आया संगीसाथी नोको करो फूट।
सब मीलकन खेलबीन नोको ताटातूट।।

कोनी कोनी संग नोको करो भेदभाव।
एकमाखेलन बस्या सुखी भएव गाव।।
                                                             
डी पी राहांगडाले 
गोंदिया

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