संगी साथी
सेत मोरा दूय चार संगी साथी,
आती मोरा ये सच्चा संगी साथी ll
लुका छुपी को खेल संगमा खेल्या,
पायली दूसरी खेल संग खेल्या ll
एक की गलती अना सब पर मार,
गुरुजी देत होता छड़ी को प्यार ll
संग जात होता स्कूल आमी संगी,
पढ़ाई करत होता आमी संगी ll
मन का आमी पक्का होता संगी,
संकट का आमी लहान संगी ll
निर्मल पावन आमरी दोस्ती,
जिवन को बोध कराये दोस्ती ll
एक दुसरो की सुख दुःख दोस्ती,
जनम जनम की दोरी दोस्ती ll
सदा अमर रहे आमरी दोस्ती,
सच्चाई की नींव आमरी दोस्ती ll
प्रा.डॉ.हरगोविंद चिखलु टेंभरे
मु.पो.दासगाँव ता.जि.गोंदिया
मो.९६७३१७८४२४
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