तोरो मोरो याराना
(चाल: अखियोंके झरोखो से)
खुशी गम को प्रवाह मा दुही को एक अफसाना
बनेव रहे तोरो मोरो आजीवन असो याराना ॥धृ॥
समजू नोको खुदला तू लंगड़ा अना अपंग
देव की देन रे तोला तू तं लाड़को दिव्यांग
होऊ मी तोरो आसरो गावबी एकच तराना ॥१॥
दोस्ती आपली बंधी से सदा प्रेम की दोरी लं
मन तृप्त होय जासे तोरो संग को सिदोरी लं
दोस्ती खुबसुरत नातो दोस्ती अनमोल खजाना ॥२॥
मिट जासे खिनभरमा मोरो जीवन को अंधारो
मोरो दिलको हर कोंटोमा तोरी दोस्ती को उजारो
मोरो जिव्हा पर रे सदा गाऊँ तोरोच मी गाना ॥३॥
चाहे कहीं चली जाऊं दिलमा तोलाच बसाऊं
जिवनको हर मोडपर रिस्ता यारी को निभाऊँ
दोस्त असो जेको सच्चो ओला का करे जमाना ॥४॥
मोरो सुख मोरो दुख तू मोरो राज तू दर्द तू
दिलकी बात समझनेवालो मोरो सखा हमदर्द तू
भेव नही तोरो रवतोमा करू मुश्किल को सामना ॥५॥
उमर जात पद धर्म वर्ण की नही अहमियत रे दोस्ती
मदत त्याग हिम्मत होसला ताकत असलियत रे दोस्ती
दोस्ती पाय मोरा हात मोरा दोस्ती मोरा दुही नैना ॥६
डॉ. प्रल्हाद रघुनाथ हरिणखेडे (प्रहरी)
उलवे, नवी मुंबई
मो. 9869993907
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