• दसरा यव दश हरा को अपभ्रंश आय। दसरा ये को सही शब्द से दश-हरा। ये को अर्थ हो से स्त्री का ५ अना पुरुष का ५ विकार मिलकर १० विकार ला हरायकर येकोपर विजय प्राप्त करनो। म्हणून ऎला विजया दशमी भी कवनोमा आवसे। येला विष तोड़क पर्व भी कवनोमा आव से।
• दस-हरा तसा त् हिन्दुओंका अनेक त्योहार सेत पर दसहरा बहुत महत्वपूर्ण से.
• हिन्दु ओंको प्रमुख त्यौहार मा लक एक अधिक त्यौहार से दिवारी को पर पहले दशहरा मनायव जासे। बगैर दश हरा को दिवारी नहीं मनाय सिको। मनायाव पहीजे । (ऑफिशियली) वास्तव मा ये को हक सिर्फ उनला भेट से जे न येको पर जीत पाई से। पर आता कोंनला कोन कहे,.. चल से, म्हणून सबच मनाव सेत। दर असल स्वर्ग मा जनसाथी कोशिश कर सेत।
• येव एक असो त्योहार से जो पूरो देश मा मनायो जासे. भलेही ये को रहस्य कोनिला भी नहीं मालूम। वास्तव मा यव सिर्फ हिंदुओंको त्यौहार नो होय, यव एक आध्यात्मिक त्यौहार आय। मनुष्य जाति को उत्थान करनला...कोनी एक धर्म को नहीं। ... पर आता का कहूं, गुड गोबर एक कर देई सेन। ज्यादा लिखूं त ये को मा भी कोनी आपत्ति लेय सिक से। म्हणून सोड़ देसू।
• दश हरा मा दरवाजों पर शुभ लाभ लिख्यव ज़ासे वोको मतलब से पहले साजरा शुभ काम करो तब च लाभ होए। लाभ करनला शुभ नहीं करो, ये को मा स्वार्थ देखत से। म्हणून ये न दिवस ला शुभ भी मान्यो जासे. ये को वास्तविक अर्थ से आब कलयुग मा साज़रा शुभ काम करो त, स्वर्ग सतयुग मा जनको लाभ मिले।
• महाराष्ट्र मा गुढीपाडवा, अक्षय तृतीया अना दसरा ये तीन शुभ मुहूर्त मान्या गया सेती.
• दसरा को पहले नव दिवस अलग अलग ९ देवीमा लक, एको मा एक दिवस दुर्गा माता को भी से। नवरात्र उत्सव का ९ दिवस मा सात्विक भोजन, उपवास अना पवित्र रव्हसेत. भगवान को याद मा नाच सेती, गर्भा गाव सेत। भगवान की याद मा रह्यव लक अंदर का पाप ख़तम होसेत, मनुष्य पावन बन से, तबच देवी देवताओं को दुनिया मा जान लायक बन सेत्। तबच्च त स्वर्ग मा जाय सकेत, ये को साठी हर एक मनुष्य पुरुषार्थ कर से। नहीं त शॉर्ट कट त सबलाच पसंद रव से। फक्त कवन ला कसेत स्वर्ग सिधार्यव। पर असो नहीं होय।
• पर पुरानो मा आख्यानो मा येन दिवस देवी दुर्गा न् महिषासुर को वध करी होतीस.
• तसोच भगवान राम न् रावण को वध करी होतीस वोको यादगार को रूप मा येव त्योहार मनायव जासे. असो लिखी से। वोला आपुंन काई नहीं कर सख जन।
ये न दिवस का काही अधिक भी यादगार सेत । जसो के
१.दसरा को दिवस मुख्य रावण को वध क-यो जासे. जरायव जासेे। येला उत्सव क् रूप मा मनायेव जासे. पर हर साल मो ठओ च होत जा से, ये को अर्थ से पाप / दुख दिवस न दिवस बढ़तच जासे।
२. येन दिवस सीमोल्लंघन (आपल् गाव की सीमा क् बाहेर जानो) को बी महत्व से.
३.निलकंठ पक्षी को दिसनो येन दिवस शुभ माने जासे.
४. काही गाव भसी बी खेलाई जासेत. असो प्रकार लक येव त्योहार हर्षोल्लास लक मनायो जासे.
५. पोवार समाज मा बी येव त्योहार आनंदपूर्वक मनायो जासे. येन दिवस पोवार समाज मा घर का सब लोहा का औजार जसो- टंग्या, बसला, कुदरी, पावडा, इरा, पावशी इनला धोयस्यार साफ करसेती. कहे का पोवारोंको मुख्य धंदा कास्त कारी से। एको मा काम मा आवने वाली वस्तु आती म्हणून येकी पूजा कर्यव जासे। सायकल, मोटर सायकल, कार ला धोव सेती. अना सबकी पूजा कर सेती. वो को अर्थ से ...लोह् युग (कलयुग) मा थी सोना की दुनिया (सतयुग) मा जानो।
६. दसरा को दिवस पोवार समाज मा दिवस बुडता (राती) विशेष व्यंजन बनायो जासे. वोला मयरी कसेती. मयरी खिचडी वानीच् बनायी जासे पर वोको मा दही टाकस्यारी खट्टी बनाव सेती. मयरी संग कोचई की पान की बडी बी बनाव सेत. दिवस बुडता मयरी ना बडी की पूजा करसेती. बाद मा आरती करस्यारी घर का सब लोग मयरी ना बडी खासेती.
लहाना सब लोग आपल् दून मोठो का पाय लगकर आशिर्वाद लेसेती.
७. तसोच दसरा ला पीठ का दस दिवा बनायकर घर का सब दरवाजो पर तसोच फाटक अना चवरीपर मडाव सेती.
८. पांडव इनन् बी अज्ञातवास क् बाद मा आपला शस्त्र शमी क् झाड परल् दसरा क् दिवसच् काहाडी होतीन. म्हणून वोको भी गुणगान हो से। ये ला च मराठी मा आपटा का पाना कसेत। दिवस बुडता आपटा का पाना सोनो को रूप मा एक दुसरो ला देयस्यारी सोना लेव अना सोना सरखा बनो असो कसेत। ये को च मतलब स्वर्णिम दुनिया कहो सतयुग कहो का स्वर्ग कहो जान ला भेटे असा बनो त। असो येव त्योहार मनायो जासे.
• असो प्रकार लक दश हरा को त्योहार पोवार समाज तसोच हिन्दु लोक हर्षोल्लास लक मनाव सेती.
• ललित गौतम, अनूमाला, सूरत (गुजरात) फूलचुर, गोंदिया को रहवासी।
दिनांक. २५.१०.२०२०
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