मोला लगसे
मोला लगसे पंख रहे तं
उडस्यान् गगन मां फिरू
वन् परी कं संगमा मस्त
मज्या गुदगुल्या करू !!
मोला लगसे पंख रहे तं
परी ला जावून सांगू
आवजो आमर् शाळा मां
तोरी वा पुस्तक् सीखू !!
मोला लगसे पंख रहे तं
परी कं वन् घर् जावू
सोनेरी सोनेरी फुलईनला
देवचरण मां वाहू !!
मोला लगसे पंख रहे तं
परी कं घर् मां जावू
पृथ्वी पर कं कोरोना परकी
दवाई बनायस्यार् आणु !!
मोला लगसे पंख रहे तं
परी संग आकाश मां फिरू
विमान मां जो बस्या सेती
उनसंग रामराम करू !!
मोला लगसे पंख रहे तं
परी ला पोवारी सांगू
पोवारी की गौरव पुष्प की
वर्षाव जग मां करू !!
रणदीप कंठीलाल बिसने
कोराडी रोड, नागपूर
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