परी रानी
सपन मा आई मोरो परी रानी सुंदर
कईस सैर कराय देसू तोरी मी परीनगर
गोरीपान छईल-छबिली कली सी सुंदर
हवा संग करसें बात वोको चांदनगर घर
बसायके लिजाईस मोला नाजूक पंखपर
लुकलूक चमकत निलगगन मा चांदनी तारा
एक पासून मोजेव सब बोट देखायके भरभरा
परी नं करीस कमाल जादूकी छडी फिरायकर
लाल-नीलम-सोनपरी वोकी सखी होती
छम-छमा-छम नाचंती ना गाना गावंती
खेली संगमा फुलको सिंगार ना चांदकी बिंदी लगायकर
परी नं लिजाईस जेवणाला फलबगीचा को अंदर
अननस-आंबा-संत्रा पासून सिकाईस मुळाक्षर
झरना,-प्राणी-झाड देखके पडी परिसरअभ्यासमा भर
परी रानी न सांगीस मोला राक्षस की कहानी
रक्षण करजो आमरो बनजो राजा भोज वानी
कला-गुण संस्कृती ला ठेवजो जपकर
परी रांनी कवन बसी नोको होऊ तू उदास
मोठो होयकर जग ला देजो प्रेमको संदेश खास
माय को आवाजलक सपन मा लक आयेव सुधपर
शारदा चौधरी
भंडारा
No comments:
Post a Comment