भयी घटस्थापना,आयी दुर्गा रानी
असुर संव्हारीनी, नवदुर्गा।।
नव दिन भक्ती, करे युवा शक्ती
मन की विरक्ती ,नवदिन।।
नवमी ऊत्सव, हवन पुजन
होसेती प्रसन्न ,नव ग्रह।।
रात्र दिन भयी, देवी आराधना
जसं देवी गाना,नवरस।।
नवमी या देसे ,याद दसराकी
विजयादशमी,सोनोलुटो।।
नवमीकी पुजा,स्त्रीलाच नमन
जिवन चमन,नारीशक्ती।।
देवीको यो रुप,बालिका लहान
नवकन्या पुजन, करसेती ।।
""जय राजा भोज जय माँ गड़काली""
वात सी चौधरी
गोंदिया
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