त्याग अना ममता की से सीता माय सुरत!!
प्रभु श्रीराम को मिलहे आशीष हम सबला !
माय सीता को भी मिलसे स्नेह सदा हमला!!
माता सुनयना की राजदुलारी से सीताजी !
मिथिलानरेश जनक सेती उनको पिताजी!!
माय कौशल्या को नंदन सेती प्रभु रघुपति !
अजी उनको से राजा दशरथ अयोध्यापति!!
वचननिभावन राम गयीन वन सीताको साथ !
भाई लक्ष्मणना भी नहीं सोडया उनका हाथ!!
पुरुषोत्तम श्रीराम न करया धरम को उद्धार !
पापी गिनको वधभया भेज्या धरतीको बाहर!
आया अयोध्या अना मनाया दीवारी तिव्हार!
रामराज्य मा न्याय अना सत को होतो सार !!
श्रीराम ला पुरखा मानत होता विक्रमादित्य !
अयोध्यामा उनना पेटाया पंवार नवआदित्य !!
पोवार वंश को मन मा बस्या सेती श्रीराम !
बैहर मा बसाइन उनना आपरो पंवार धाम !!
जय सियाराम जयसियाराम जयसियाराम !
बोलबीन अना भजबीन सदा जयसियाराम !!
✍🏼ऋषि बिसेन, बालाघाट
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