मथुरा को आंगन मा खेली
जनक पुत्री गुणवान जानकी
स्वयंवर बाद, बनी श्रीराम संगिनी
सुरु भयी सिया राम कहानी
सुखी जीवन ला लगी नजर
अना, सुरु भयव वनवास
धर्म, वचन, मर्यादा, प्रेम
रामायण बनेव वोको इतिहास
रावण वध को मतलब
अधर्म पर धर्म की जीत
अज भी जरसे रावण
होसे सीता राम की जयजयकार
संग्राम, जीवन से सबको
बिकट परिस्थिती मा डगमगाओ नोको
दुःख को बाद सुख आयें
येन आशा पर जीवन टिकी से
सच्चो रस्ता पर चलो
येकी सिख रामायण देसे
जय सीता राम
सौ. श्रुती टेंभरे बघेले
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