देखो नोकों मोरो कन दया लका येत्तो।
तुमला का मालूम मी दुःख मा सेव केत्तो।।
होतो पयले गरीब अमीर सबकी मी शान।
हर बरात मा मोला होतो मोठो मानपान।।
मोरो शिवाय डोलत नोहतो कोनी को पान।
मोटरगाड़ीला आवनजानसाठी नोहती तब दान।।
वोन दौर मा मोरो परा सबको होतो विश्वास।
आननला बेटिला गुडुरलका जात होतो बाप।।
जोड़ी रव खिल्लारी ओला घोलर झुली को साज।
जानको पहले ओंगणलक माखत खाचर की आस
तनिस को बिछाना ओको परा हतरायेव गोणपाट।
मंग पुढ़ पडदा अना धुरकोरी भाउला बड़ों मान।।
आब कोनी हूंगत ना पुसत नहीं कोनी मोला।
काहे की मोटरगाडी न दिखाईन आपलो तोरा।।
आता भाऊ चित्र मा सिर्फ दिसुसू मी तुमला।
असो होतो रेहका सांगों आपलो बेटाबेटिला।।
- सौ, छाया सुरेंद्र पारधी
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