पोवारी शब्द हिंदी अर्थ
माशी अंधारो = पहटिया का अंधेरा
झुनझुरका = पहटिया
भूमसारो = सुबह सुबह।
सकार = सुबह।
तिरीप = सुबह की सूरज की किरण,धूप।
बेरू भर दिवस = दिन के करीब आठ बजे का समय
महातनी बेरा = दोपहर का समय
बिरानीबेरा = सुर्यास्त का समय
लखलखती तपन = तेज धूप
घामचरचरो = पसीने से लथपथ
उखरी = पहले के जमाने का अनाज कुटने का साधन
जातो = आटा पीसने की पत्थर की गोल चक्की
कोथरी = धान रखने का बड़ा ढोला
भदाळ. = बड़ा घड़ा (मटका)
गडू = लोटा
गंगार. = पाणी रखने का बडा पतेला
पेवली। = पान का सामान रखने की छोटी टोकनी
फोंगरी = चुल्हा फूकने का छोटा पाईप
सोरया = मिट्टी का छोटा मटका
रांधनखोली = रसोईघर
झोरा. = थैला
मंज्यार. = बीच में
कोरामा. = गोद में
मुठपारो = तवा पर ढ़कने वाला मिट्टी का झक्कन
धोड़ी = छोटा नाला
केतरा = कितना
कोंज्या = कहाॅ
कितन = किधर
अखिन = और
चोंबक = कंजूस
तोंड्यार = हमेशा गाली गलोच करने वाली स्त्री
धुरो = खेत की सीमा निर्धारन के लिए बनायी गई मेढ़
भानी = कासे या पीतल की बनी हुई बड़ी थाली
बटका = कटोरा
बटकी = कटोरी
मलोकि = छोटा पतेला
परी = चम्मच
सिलबट्टा = मसाला पीसने का चौकोर पत्थर
हिरोती = मिर्ची पाउडर या हल्दी पाउडर
नोन. = नमक
बहारी. = झाड़ू
चुन = बेसन ,चना या लखोरी का आटा
भेद्रा = टमाटर
शेरनी = नारियल की बाटी जानेवाली प्रसाद
पंतुना = चूल्हे पर पानी गरम करने का मड़का
तोड़ा, पिंजन = पाव में पहना जाने वाला चांदी का गहना
सरि = गले में पहना जाने वाला सोने का गहना
पाटली = हाथ में पहनी जाने वाला सोने या चांदी की चूड़ी।
तर्पसाखरी = कान में पहने जाने वाला आभूषण
मोट = कुएं से पानी निकलने का रहाट
गाड़ो = बैलबंडी।
ओंगण्या = बंड़ी के आस को माखने के लिए तेल रखने का पात्र
जुवाड़ी = बैलबंडीका बैल के खांदे पर रखा जाने वाला विशेष प्रकार का लकड़ा
धुरकोरी = बैलबंडी या खाचर हाकने वाला
ठाव = भोजन के लिए परोसी गई थाली
ठावा = खटिया के लकड़ी से बनाए गए पाव
खोर। = रजाई का आवरण।
तपना = स्नान करने के लिए पानी गर्म करने का पात्र
साजरो, बाका = अच्छा
टूरा टुरी। = लड़का लड़की
बिह्या = शादी
करोली = शादी में दूल्हा दुल्हन के साथ जाने वाली सहेलियां
करोली = करेला, एक सब्जी
भासरो = जेठ, पति का बड़ा भाई
जीठानी = जेठानी पति की बड़ी भाभी
सूसरो। = ससुर
सासू। = सास
फुफू। = बुआ,पिता की बहन
भजो/ भजी = स्त्री के भाई का लड़का/लड़की
देरबेटा = देवर का लड़का।
सिमनी = मिट्टी के तेल की ढिबरी,दिया
चिमनी = चिड़िया
कावरा = कौआ
शेरी = बकरी
पाठरू = बकरी का पिल्लू
बासरू = गाय का बछड़ा
बघारू = भैंस का बछड़ा
सरप = सांप
गेंडुर = केंचुआ, earthworm
चाटा. = मकोडा,चींटी
तेलमुंगी। = काटने वाली लाल चिंटी
इजगुर। = छिपकली
मोंगसा = मच्छर
खाड्डी,खराड़ी = गिलहरी
गोटा = पत्थर
हारा = बड़े आकार का बांस का बना टोकना
फरताळा = मिट्टी के दीवाल में की गई छोटी अलमारी
कुंजी = चाबी, किल्ली
फूल = मिट्टी के दीवार में बनाई गई छोटा सी सामान रखने की जगह
कोठोली = बकरी बांधने का स्थान,कमरा
कोठा = मवेशी बाधने का स्थान
चवरी = पोवार के पूर्वज जहा विराजमान रहते
भेली = गन्ने के जूस से बनाई गई गुड़
गोड़कड़ी = मोहफुल और सूखे आम से बनाई गई सब्जी
शेरना = सुपेरी फोड़ने का साधन
दादरा = आचार या किसी भी बरनी के उपर बांधने का पतला कपड़ा
कारो मस = अत्यधिक काला
कंबड़जा = बारीक पतली नाजुक लड़की
मोमदेल
पोवारी मुहावरा हिंदी अर्थ
• कारी की पिवरी होनो = गरीब से अमीर होना, गुस्सा होना।
• कारी मस पड़नो। = शर्म से पानी पानी होना।
• कोल्ह्या कुत्रा की धन = अपना वारिस न होने पर कोई दूसरे को संपत्ति होना।
• कारो धुव्वा को जानो = किसी भी कम के लिए जादा समय लगाकर जल्दी वापस न आना।
• गलड्या गडू। = जिधर फायदा दिखा उधर चले जाना।
• डोरा वरत्या आवनो = अहंकार में चूर होना
दीठ लगनो नजर लगना।
• कमाई न धमाई टेकरी पर पुंजना = दो पैसे की कमाई, नहीं पर बड़ी बड़ी बाते करना।
•मोठो मोठो की मांदी ना भागा बाई की चिंधी = अमीर लोगों के बीच गरीबोंकी इज्जत ना होना
• मुद्दल दुन ब्याज प्यारी = बेटे से भी ज्यादा पोता पोतियों से प्यार होना।
• आयतों पर रायतो। = कोई काम खत्म होने पर आना।/किसी के संपत्ति पर राज करना।
- सौ छाया सुरेंद्र पारधी
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