आमरो लहानपण की बातच न्यारी
धान भरणला धान की रव कोथरी
दस पैसा को बरफ, पिपरमिंट की गोली
आंबाको माचला पाटणपर की खोली
थंडीमा पांघरनसाती कपड़ा की कथडी
तापनसाती रवत होती माती की सगडी
चुरनी मा झुंनझुरका खेतमा जाजन
बंडीको चाक संग गोलगोल फिरजन
लहानांग को आंगनमा तीन औवली चूल्हों
चटनी गाकड़ की याद कबी नहीं भूलं
मलोकामा रव आंबाको मस्त रायतो
बिना तेलको बी लग स्वादिष्ट भलतो
गली पर सबजन लपाछुपी खेलजन
रेस लगावन साती कोंटोमा लूकावजन
आब् बस याद लहानपन की रय गई
समय को जातोमा याद बी पीस गई
✍️ सौ.छाया सुरेंद्र पारधी
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