मायकी जन्मभुमी माहेरको गाव
मामा को गाव,अजभी याद आवसे।।
वहाकी मोठी आंबाकी अंबराई।
बहु गोड़ आंबाकी गोड़ी,अजभी याद आवसे।।
घुंगुर झलमकी जोड़ी ना उ रेहका।
जंगलमा करप कोटरीका, अजभी याद आवसे।।
गाळदानमा रेहकाको दळदळ आवाज।
झुनझुन घलर घलर नाद, अजभी याद आवसे।।
जंगलको रस्ता मोठा उचा उचा झाड़
टेंभरून आवरा़लं फर्या झाड़ अजभी याद आवसे।।
नदिको मोठो कलवट्या घाट
भोवरिभर पाणी की बाट,अजभी याद आवसे।
बाड़ीमा बिहिर मोटकी कीरकीराट
पाणी भरकन जातो उपाट,अजभी याद आवसे।।
आता नाहाती गावमा मामा ना मामी
वय दिवस गया ? तबकी ,अजभी याद आवसे।।
वाय सी चौधरी
गोंदिया
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