चिलचिलाती या तपन से
सूर्य आग वऱ्यालका ओकसे
तरी न थकता खेतमा राबसे
असो आमरो बंधु कास्तकार से
सारो जगको पालनकर्ता
नाहाय वोला तपन की वरवा
धान रबी को काटसे खेतमा
मायं बेचन जासे दुपारी सरवा
सब घरमा बस्या सेती आबं
कोरोना विषाणू को भेव लका
सबकी फिकर से वोला म्हणून
खेतमा राबसेती हात कास्तकारका
बारा महिना राबसे खेतमा
तरी खासे खुद चटनी भात
तरी भाव नही आव अनाज को
फीरसे वनवन दुखतलका लात
✍वर्षा पटले रहांगडाले
बिरसी आमगांव
गोंदिया
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