Sunday, April 5, 2020

काव्य स्पर्धा क्र.4 "आंदन"

काव्य स्पर्धा क्र: ०४
विषय: आंदन(दहेज)
दिं:०५/०४/२०२०

  🌹🌹 आंदन 🌹🌹

बिहया की तारीख जवळ आयी।
आंदन लेनकी भयी बापला घाईं।।

लंबी चौड़ी यादी भयी एक नहीं सुटेव।
यादी देखश्यानी बापला पसीना फुटेव।।

सागुन को सोफ़ा ना सागुन  की  खाट।
फोम को गद्दा लेबिन तब दिसे थाट बाट।।

साजसिंगार करणला ड्रेसिंग को टेबल।
मनोरंजन करनला टीव्ही ना केबल।।

हवा लेनला कूलर अना सिलिंग को पंखा।
सब प्रकारका बर्तन भांडा तब बजे डंका।।

पैसा को हिसाब करिस लगेव वोला धक्का।
दवाखानोंमा भरती भयेव कसे सपन होतो बाका।।

✍️ श्री.डी.पी. रहांगडाले.
           गोंदिया

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...