आमरं समधीनं बहुत कमाइस
दूधकं धंदा मा.
वोकी सेत भशी, खासेती चोभरा,
बससेत डोबरा मा. ॥धृ॥
गावमाको दूध, करसे जमा
मोठं-मोठं डब्बा मा
करसे मेहनत, नाहाय वोला फुरसत
जानला जत्रा मा॥१॥
दूध जासे कमी, मिलावसे पानी
दूधकं डब्बा मा
फटफटीलं जासे, घरोघर बॉटसे
शहर कं एरिया मा॥२॥
आमरं समधी को से कव्हणो,
खूब कमाओ तुम्ही आपलं धंदामा
का ठेयेव से तीर्थ पानी मा,
ना मंदीर कं पथरा मा ॥३॥
---------------------------------------
रचनाकार- चिरंजीव बिसेन
परमात्मा एक नगर, सूर्याटोला वार्ड, गोंदिया .४४१६१४
मो. नं.९५२७२८५४६४
No comments:
Post a Comment