Sunday, May 3, 2020

काव्यस्पर्धा क्र. 8 विषय-कास्तकार


कास्तकार लेसे 
दुनियाको भार
वक् पाटिपरा 
सबकोच मार!//

जय जवान, जय किसान
बरोबरीकोच मान
स्वामिनाथन् आयोगसाठी
सरकारको जिव लहान!//

टुराटुरीको शिक्षण
टुरीको बिया/
नितीलका जिवन वको
झिजवसे काया!//


सारी दुनिया से घरमा
कास्तकार खेतमा्!/
कोरोनाको, भेव वलाबि
पर् आराम नयि मनमा्//

धरतीमायकि सेवा
ध्येय से वको/
आध्यात्मिक धंदा से
मोरो कास्तकारको//

  पालिकचंद बिसने 
सिंदीपार(लाखनी)

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...