जिवनप्योगी उत्पादन नही रव्हतो त अगर ,
पुरो जगभर देशभर मच जातो आहांकार !!
ह्रुदयलक सत सत नमन करुसु विश्व हिरो ला,
जेला कसेत किसान कोणी कसेत कास्तकार!!
सदा निर्भयमन होय कर काम कर से खेत मा ,
बिचारो कभी नहीं कभीच नहीं कर आना कानी !!
कीडा कुटकुला सरप बिच्चु लक रव्हसे निर्भय,
वा होय बादर मा गर्जन या होय हवा तुफानी!!
अज च्यालिस ब्यालिस डिग्री तापमान मा देखो,
कसो झिझाय रही से मोरो भारत को किसान!!
अन्न उत्पादन करके बनेव विश्व को अन्नदाता,
किसान ला देहे पायजे भारतरत्न को सम्मान!!
रात को दिवस करके मश्याकत कर से खेतमा,
रोग राई पाणी लक जब भी नष्ट होसे फसल !!
केन्द्र अना राज्य सरकार को ध्यान रहे पायजे ,
सत्तापर बश्या सेती उनला आये पायजे अक्कल
भाऊ अज करके वदंन किसान कास्तकारला,
दास हिरदीलाल सागंसे आपलो दिल की बात!!
व्यथा देख कर कास्तकार की आवसेती आँसु,
अन्न उत्पादन साती मेहनत करसे दिन = रात !!
!!! कवि !!!
श्री हिरदीलाल ठाकरे
भ्रमणध्वनी 7020144588
मु, भजियापार ,पो, चिरचाळबांध ,
ता आमगाँव जिल्हा गोदिया माहाराषट्र
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