Sunday, May 10, 2020

चारोली (माय)

1)
रेहका आमर पोवारी की शानसे
चालीरीती संस्कृती की पहचान से
गाडी घोडी आयी मनुन का भयेव
एकघन तरी रेहकापर बसनको से
 2)
मोला मोर् मनमा जरासी आस से
बईल जरा रेहकाला जुपनको से
घर बइल नाहात मनुन का भयोव
एकघन तरी रेहकापर बसनको से
3)
यव लॉकडाऊन खतम होयेपर
लगसे मोला बियाबरला जानको से
रेहकाक् धुरकरीला व्वा व्वा कवनको से
एकघन तरी रेहकापर बसनको से
4)
लगसे हातमा धरु दुय बईल का कासरा
नवा नवा कपडा टाकु चेहरा करु हासरा
अस हालातमा मोला फोटु निकालनो से
एकघन तरी रेहकापर बसनको से
****

डॉ. शेखराम परसरामजी येळेकर नागपूर
१०/५/२०२०

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...