रामूको लहानपनच बिहया भयेतो- ओक बायको को
नाव गंगू , वा तिसरी शिकी होती
बिहयाक बादमा रामु खूप शिकेव ना मंग साहेब बनेव
सब साहेब मिलशानी एक समारंभ आयोजित करीन
ना सबला कूंटूम सहीत बलाईन तब _____
रामू :- आमला आँफीसमा जानको से, तूभी चल
पर वाहा तोला बिचारेत का कोण संग आईस
त का सांगजो
गंगू:- आपल नवरा संग आयी कहूंन,
रामू:- अना तू ऊनकी कोण आस कहेती त का
कवजो
गंगू:- मी ऊनकी बायको आव कहूंन
रामू:- हं बही, तसो नही कवन, ऊ मोरो हजबड
मी ऊनकी वाईफ आव कवन
गंगू:- हं तशीच सांगून (मवमा पाठ करन लगी)
मंग ओय समारंभ।मा गया- वाहां गंगू ला बिचारीन,
तू कोणसंग आइस, ऊ तोरो कोण आय तू उनकी
कोण आस, गंगू पाठ करैव बिसर गयी पर ओला
घरक सामनेको हेंडपंप की आठवन आयी वन
पटनारी कहीस ,मी जिनक संग आयी ऊ मोरो
हेडपंप| न मी उनकी पाईप आव ------------
(खांदपरको कूत्रा शिकार नही कर)
डी-पी-राहांगडाले
गोंदिया
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