Monday, May 25, 2020

अहंकार (hargovind tembhre) 11


अहम की दीवार 

मानव जीवन नही आव बार बार,
त्याग करो अहम की दीवार ll

यातना सहन करनो पड़ी से माय
माय-बाप ला अपार, कायलाईक बनायात अहम की दीवार ll

बर्बाद होय जये समाज मा तुमरो संसार, काहे बिछायात अहम को जाल ll

सबला पड़ी से मोठो बिचारं, कोण बनावसे से अहंम की दीवार ll

काहे से अहंम लक येतरो प्यार,
एक दिवस नाश करेत असा बिचार ll

बच्या नही येकोलक इंद्र का राज दरबार, त्याग करो अहंम का बिचारं ll

धन- दवलत रहे जरी अपार, सबला जानो से त्याग कर मोह माया को संसार ll

अगर नही त्यागो अहंम  बिचारं,
समाज नही धावन को सोडस्यार
आपरो संसार ll

अगर त्यागो अहंम का बिचारं,
मान सन्मान भेटे तुमला अपार ll

सुकुन भेटे परिवार समाज ला
अपार होय जाये कुल को उद्धार ll

सुख दुःख से जिवन को आधार,
पार लगावबिन आमी आजन पोवार ll

सब चलावबिन लेखनी का बाण,
बंद होय जाये भाषा अपमान ll
**********************
प्रा.डाँ. हरगोविंद चिखलु टेंभरे
मु.पो. दासगांव ता. जि. गोंदिया
९६७३१७८४२४

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