नको करू तू अहंकार, जगमा सेस तू काही दिवस को पाहुणा,
रहेव ना रावण सारखो अहंकारी हिरण्यकशप सारखो वरदानी, श्रण मा छुट जाये प्राण नको करू तू अहंकार!!१!!
भया अर्जून सारखा धनुर्धारी, धर्मराज सारखा धर्माचारी, दानी कर्ण सारखा जगमा काही दिवस का पाहुणा नको करुस तू अहंकार!!२!!
आयक्या होता सिकंदर दारा की कहानी, आयक्या सम्राट राजा भोज की सुंदर कहानी विक्रमादित्य सारखा विर जगमा काही दिवस का पाहुना मानव नको करू तू अहंकार!!३!!
तोरो सारखा लाखो आया लाखो यन माती मा गया
रहेवं ना नामो निशाण मानव नको करू तू अहंकार!!४!!
✍️ मुकुंद दिगंबर रहांगडाले
(दत्त वाडी नागपूर २३)
मो.नं.७७९८०८३२८१
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